Edited By vasudha,Updated: 23 Jul, 2018 06:26 PM
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि जो लोग राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे का हिस्सा नहीं हैं, वे अपने आप ही विदेशी घोषित नहीं हो जाएंगे...
नेशनल डेस्क: गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि जो लोग राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे का हिस्सा नहीं हैं, वे अपने आप ही विदेशी घोषित नहीं हो जाएंगे। वैसे लोगों को अपना दावा पेश करने और आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक महीने का समय मिलेगा। एनआरसी असम के बाशिंदों की सूची है। अधिकारी ने बताया कि इसे 30 जुलाई को प्रकाशित किया जाना है। फिलहाल यह सिर्फ एक मसौदा है और प्रकाशित होने के बाद इसमें जिन लोगों के नाम शामिल नहीं होंगे, उन्हें अपना दावा पेश करने और आपत्ति दर्ज कराने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे।
अधिकारी ने बताया कि एनआरसी अधिकारियों को एक महीने का समय दिया जाएगा, जिस दौरान सभी आपत्तियों और शिकायतों की उपयुक्त सुनवाई के बाद पड़ताल की जाएगी। अंतिम एनआरसी से नाम हटाने का मतलब यह नहीं है कि कोई भी व्यक्ति स्वत: ही विदेशी घोषित हो गया है। अंतिम दस्तावेज प्रकाशित होने के बाद यदि कोई असंतुष्ट होगा, तो वह न्याय पाने के लिए हमेशा ही राज्य में विदेशी नागरिक अधिकरण का रूख कर सकता है। असम में करीब 300 विदेशी नागरिक अधिकरण हैं।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल कहा था कि दहशत में आने की कोई जरूरत नहीं है और सभी वास्तविक भारतीयों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि एनआरसी को असम समझौते के अनुरूप अद्यतन किया जा रहा है। इस पर 15 अगस्त 1985 को हस्ताक्षर किया गया था। बता दें कि एनआरसी के मसौदे का एक हिस्सा 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात प्रकाशित किया गया था। इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में 1.9 करोड़ के नाम शामिल किए गए थे। अब 30 जुलाई को सभी 3.29 करोड़ आवेदकों के भविष्य का फैसला होगा।