Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jun, 2017 11:53 AM
न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) में प्रवेश के लिए भारत के प्रयासों के बीच इस समूह ने कहा है कि उसने नई दिल्ली और अन्य गैर एनपीटी देशों के आवेदन के तकनीकी, कानूनी और राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की है...
बीजिंगः न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) में प्रवेश के लिए भारत के प्रयासों के बीच इस समूह ने कहा है कि उसने नई दिल्ली और अन्य गैर एनपीटी देशों के आवेदन के तकनीकी, कानूनी और राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की है।48 सदस्यीय समूह NSG ने नवंबर में इस मामले पर एक और बैठक करने का फैसला किया है।समूह के एक बयान में कहा गया कि स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में कल संपन्न हुई NSG की पूर्ण बैठक में सदस्य देशों ने समूह के साथ भारत के रिश्तों पर चर्चा की गई।
NSG के एक बयान में कहा गया कि इस समूह में गैर एनपीटी देशों की भागीदारी के तकनीकी, कानूनी और राजनीतिक पहलुओं के मुद्दे पर चर्चा की गई है। समूह ने इसपर अपनी चर्चा जारी रखने का फैसला व नवंबर में एक अनौपचारिक बैठक करने की अध्यक्ष की भावना का उल्लेख किया है। यह बयान भारत के प्रयासों पर चीन के विरोध के बीच आया है। चीन प्राथमिक तौर पर इस आधार पर भारत के प्रयासों का विरोध कर रहा है कि उसने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
पिछले सप्ताह चीन ने कहा था कि एनएसजी में गैर एनपीटी देशों के प्रवेश के मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।. यह मुद्दा भारत-चीन के बीच संबंधों में एक बाधा बना हुआ है। भारत द्वारा NSG की सदस्यता के लिए आवेदन किए जाने के बाद चीन के दोस्त पाकिस्तान ने भी बीजिंग के मौन समर्थन के साथ इसके लिए आवेदन किया था। चीन ने NSG में भारत के प्रवेश को मुश्किल बना दिया है क्योंकि यह समूह सर्वसम्मति के सिद्धांत पर काम करता है।
समूह ने अपने बयान में कहा कि पूर्ण बैठक में NSG ने भारत के साथ असैन्य परमाणु करार पर 2008 के बयान के क्रियांवयन के सभी पहलुओं पर विचार करना जारी रखा है। साथ ही भारत के साथ एनएसजी के संबंधों पर चर्चा की. वर्ष 2008 में एनएसजी ऐतिहासिक भारत-अमेरिका परमाणु करार के लिए सारे सास्ते साफ करने को लेकर असैन्य परमाणु कारोबार से संबंधित अपने नियमों से भारत को छूट देने पर सहमत हो गया था।