ऑफ द रिकॉर्डः अमित शाह ने रोका हर्षवर्धन का डाक्टरों से संबंधित बिल

Edited By Pardeep,Updated: 20 Dec, 2019 05:14 AM

off the record amit shah stopped harshvardhan s bill related to doctors

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने डाक्टरों को भरोसा दिलाया था कि वह संसद में एक ऐसा बिल लेकर आएंगे जिसमें कार्यस्थल पर डाक्टरों पर मरीजों और उनके अटैंडैंट्स की ओर से किए जाने वाले हमलों को रोकने का प्रावधान होगा। इस संबंध में केन्द्रीय...

नेशनल डेस्कः केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने डाक्टरों को भरोसा दिलाया था कि वह संसद में एक ऐसा बिल लेकर आएंगे जिसमें कार्यस्थल पर डाक्टरों पर मरीजों और उनके अटैंडैंट्स की ओर से किए जाने वाले हमलों को रोकने का प्रावधान होगा। इस संबंध में केन्द्रीय कानून का ड्राफ्ट तैयार किया गया था जिसमें डाक्टर्स तथा अन्य हैल्थ केयर प्रोफैशनल्स पर हमला करने वालों को दंडित करने का प्रावधान था। इसमें 10 साल तक की कैद व 2 से 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान प्रस्तावित था। अमित शाह ने इस बिल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 
PunjabKesari
प्रस्तावित बिल संसद के शीत सत्र से पहले कैबिनेट में रखा जाना था और इसे संसद में पास भी करवाया जाना था। लेकिन गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने गृह मंत्री को बताया कि किसी विशेष प्रोफैशन के प्रैक्टीशनर्ज को सुरक्षा के लिए केन्द्रीय कानून नहीं लाया जा सकता। इससे गलत परंपरा शुरू होगी तथा अन्य प्रोफैशनल्स भी इस तरह की मांग करने लगेंगे। यह बिल अस्पतालों में डाक्टरों पर हमलों के बढ़ते मामलों को देखते हुए लाया गया था तथा गत वर्ष जून में पश्चिम बंगाल में डाक्टरों पर हुए हमलों में इसकी मांग ने जोर पकड़ा था। उक्त हमलों के बाद देश भर में मैडीकल प्रैक्टीशनर्ज ने प्रदर्शन किए थे। 
PunjabKesari
खास बात यह है कि केन्द्रीय कानून मंत्री और उनके मंत्रालय ने भी उक्त बिल के लिए हरी झंडी दे दी थी। जब कैबिनेट में रखने से पहले इसे गृह मंत्रालय भेजा गया तो वहां से इसे रैड सिग्नल मिला। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि हर्षवर्धन इस बिल को पास करवाने के लिए काफी उत्सुक थे और उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण ही इस बिल का ड्राफ्ट 2 महीनों में ही तैयार कर लिया गया था। 
PunjabKesari
बिल तैयार करने से पहले डाक्टरों की संस्थाओं से बातचीत के अलावा आम लोगों से भी इस बारे में फीडबैक ली गई थी। इस बिल के ड्राफ्ट में न केवल डाक्टर्स पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधानों का प्रस्ताव था बल्कि स्वास्थ्य संस्थाओं को नुक्सान पहुंचाने वालों के लिए भी 6 माह से 5 साल तक की कैद और 50,000 से 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रस्ताव था। हैल्थकेयर प्रोफैशनल्स में डाक्टर्स, पैरामैडीकल स्टाफ, मैडीकल स्टूडैंट्स, डायग्नॉस्टिक सेवा प्रदाता व एम्बुलैंस ड्राइवर्स को शामिल किया जाना था। अब मैडीकल प्रोफैशनल्स इस बात को लेकर विरोध कर रहे हैं कि मंत्री की ओर से वादे के बावजूद बिल को संसद में नहीं लाया गया। अब इसकी समीक्षा करके नया ड्राफ्ट बिल दोबारा गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!