पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में रैलियों, आरोप-प्रत्यारोप व कसमों-वादों का दौर जारी है या यूं कह लें कि 13वां आम चुनाव प्रचार अपने शबाब पर है। पाकिस्तान के चुनाव में इस बार 2 पहलू बड़े दिलचस्प हैं। उनमें से एक है भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शोर और दूसरा पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र से गायब ‘कश्मीर मुद्दा’।
नई दिल्ली: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में रैलियों, आरोप-प्रत्यारोप व कसमों-वादों का दौर जारी है या यूं कह लें कि 13वां आम चुनाव प्रचार अपने शबाब पर है। पाकिस्तान के चुनाव में इस बार 2 पहलू बड़े दिलचस्प हैं। उनमें से एक है भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शोर और दूसरा पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र से गायब ‘कश्मीर मुद्दा’। दरअसल, पाक का कोई भी नेता ऐसा नहीं है जो कश्मीर के नाम पर अपनी सियासत को चमकाता न हो, लेकिन इसके उलट उनके घोषणा पत्र से यह मुद्दा लगभग गायब है।
वहीं यहां के बड़े-बड़े नेता जीत के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जाप कर रहे हैं। कोई खुद को जिताने के एवज में मोदी के विकास रथ को रोकने के वादे-इरादे जता रहा है तो कोई मोदी के बहाने अपने हुक्मरानों पर तंज कस रहा है।
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