Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Sep, 2017 10:52 PM
पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग की मानें तो सर्जिकल स्ट्राइक का कुछ ऐसा ही असर हुआ है
नई दिल्लीः भारतीय फौज दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक है। फौज ने अपनी काबिलियत को दुनिया के सामने दिखाया भी है। 28-29 सितंबर 2016 की रात भारतीय फौज एक अहम मिशन को अंजाम दे रही थी। सर्जिकल स्ट्राइक की वजह से पाकिस्तान और वहां पनपने वाले आतंकी डर गए हैं। पिछले एक साल में इस वजह से पाकिस्तान सीमा पर कोई बड़ी वारदात नहीं कर पाया है। ये कहना था, पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग की मानें तो सर्जिकल स्ट्राइक का कुछ ऐसा ही असर हुआ है।
जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक राष्ट्रीय गौरव की घटना रही है और इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा कई गुना बढ़ गई है। सर्जिकल स्ट्राइक काफी सफल रहा है और इसे मंजूरी देना पीएम का काफी साहसिक निर्णय था।' उन्होंने कहा कि जून 2015 में म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था और इसके बाद फिर सितंबर 2016 में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया।
गौरतलब है कि 28-29 सितंबर की सर्जिकल स्ट्राइक की रूप रेखा के पीछे 18 सितंबर 2016 को उड़ी हमले से जुड़ी हुई थी। उड़ी में सेना के मुख्यालय को पौ फटने से पहले ही आतंकियों ने निशाना बनाया था। आतंकियों के हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे, हालांकि सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी भी मारे गए थे। यह भारतीय सेना पर किया गया लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था।
उड़ी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ था। सुनियोजित तरीके से सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। आतंकियों ने निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके।
आतंकियों की योजना में मुख्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक में मेडिकल एड युनिट में घुसकर खून-खराबा के साथ ऑफिसर्स मेस में घुसकर खुद को उड़ा लेना शामिल था लेकिन पैरा स्पेशल कमांडो को प्रशासनिक ब्लॉक में उतारे जाने के फैसले की वजह से आतंकी अपने इन नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।