संसद ने बजट को मंजूरी दी, वित्त मंत्री ने कहा, यह भरोसेमंद पुनरूद्धार सुनिश्चित करेगा

Edited By Yaspal,Updated: 29 Mar, 2022 10:41 PM

parliament approves budget says finance minister

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष का बजट निजी निवेश आकर्षित करेगा और आने वाले वर्षों में भरोसेमंद आर्थिक पुनरुद्धार सुनिश्चित करेगा। सीतारमण ने राज्यसभा में विनियोग और वित्त विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए...

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष का बजट निजी निवेश आकर्षित करेगा और आने वाले वर्षों में भरोसेमंद आर्थिक पुनरुद्धार सुनिश्चित करेगा। सीतारमण ने राज्यसभा में विनियोग और वित्त विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए मुद्रास्फीति से निपटने के लिये उठाये गये कदमों का भी बचाव किया।

उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने नई चुनौतियां पैदा की हैं, जिसमें कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा आपूर्ति श्रृंखला में उत्पन्न बाधाएं शामिल हैं। बाद में राज्यसभा ने सरकार के प्रस्ताव के अलावा बिना किसी बदलाव के विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक को चर्चा के बाद लौटा दिया। इसके साथ ही एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट को मंजूरी से जुड़ी करीब दो महीने चली संसदीय प्रक्रिया पूरी हो गई है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘...हमारे समक्ष नई चुनौतियां हैं। बजट प्रस्तुत करने के दौरान मैंने ओमीक्रोन पर विचार नहीं किया था। अब हमें यूक्रेन में युद्ध के असर का भी सामना करना पड़ रहा है। यह ऐसा नहीं है कि युद्ध दुनिया के किसी कोने में हो रहा है। बल्कि ऐसा जान पड़ता है कि इसका सभी देशों पर वैसा ही प्रभाव पड़ रहा है, जैसा कि महामारी का था।'' उन्होंने कहा कि युद्ध से मूल्य श्रृंखला प्रभावित हुई है और वैश्विक बाजार ऐसी स्थिति में फंसी है, जहां कुछ भी सामान्य नहीं है।

सीतारमण ने कहा कि 32 देशों ने (ओईसीडी की रिपोर्ट के अनुसार) अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पटरी पर लाने को कराधान का सहारा लिया। जबकि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने कर में कोई वृद्धि नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए, आप ऐसी स्थिति में हैं, जहां आप महामारी के समय थे। हम पिछले साल बजट लाये और उसके बाद दूसरी लहर आ गयी। इस बार हम निरंतर पुनरुद्धार के मकसद के साथ बजट लाये और तब ओमीक्रोन और अब युद्ध है। इसका असर सभी देशों पर है।''

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोविड महामारी के प्रभाव से निपटने को लेकर संसाधन जुटाने के लिये कराधान का सहारा नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले साल पुनरुद्धार की चुनौतियों से निपटने को लेकर संसाधन जुटाने के लिये कोविड कर या किसी अन्य नाम पर कर की दरों में कोई वृद्धि नहीं की। हमने इस बार के बजट में भी यही किया।''

निजी निवेश का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा कि महामारी के मद्देनजर सरकार ने अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार और उसे बनाये रखने के लिये एक परिवेश बनाने को लेकर निवेश को बढ़ाया है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘...हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित करने के लिये सरकार और निजी क्षेत्र भागीदार हैं। जब सरकार और निजी क्षेत्र की बात आती है, ‘हम बनाम उनका' की कोई बात नहीं है।''

उन्होंने निजी निवेश आकर्षित करने को पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना और पीएम गतिशक्ति जैसे कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार वृद्धि को संतुलित करने की जरूरत को लेकर सचेत है। साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि कोविड के बाद पुनरुद्धार टिकाऊ हो। बजट में इस संदर्भ में प्रतिबद्धता प्रतिबिंबित होती है। चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने देश में बढ़ती महंगाई का मुद्दा उठाया।

 

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