Edited By shukdev,Updated: 26 Jul, 2018 07:10 PM
संसद की एक स्थायी समिति ने भारतीय बाजार में सस्ते चीनी माल के प्रति उपभोक्ताओं के आकर्षित होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार पाटन रोधी नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने में सामान्य तौर पर नाकाम रही है। वाणिज्य मंत्रालय से संबद्ध संसदीय...
नई दिल्ली : संसद की एक स्थायी समिति ने भारतीय बाजार में सस्ते चीनी माल के प्रति उपभोक्ताओं के आकर्षित होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार पाटन रोधी नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने में सामान्य तौर पर नाकाम रही है। वाणिज्य मंत्रालय से संबद्ध संसदीय स्थायी समिति ने गुरुवार को राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट ‘भारतीय उद्योग पर चीनी माल का प्रभाव’ में कहा है कि भारतीय उपभोक्ता सस्ते चीनी माल की ओर आकर्षित हो रहे हैं और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
संसदीय समिति ने कहा है कि चीन से आने वाली 75 प्रतिशत से 80 प्रतिशत इस्पात से निर्मित वस्तुएं पाटन रोधी शुल्क के दायरे में आती है। इसके बावजूद भी इस श्रेणी की वस्तुओं आयात आठ प्रतिशत बढ़ा है। स्थिति को देखते हुए समिति ने कहा है कि पाटन रोधी एवं अन्य शुल्क महानिदेशालय को चीनी उद्योगों को अनुचित लाभ लेने से रोकने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।