बैन के बाद PFI हो सकता है बड़ा एक्शन, संपत्ति समेत बैंक खाते हो सकते हैं सीज

Edited By Yaspal,Updated: 28 Sep, 2022 05:06 PM

pfi can be a big action bank accounts including property can be seized

आतंकवाद रोधी कड़े कानून यूएपीए के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना के बाद संगठन के खिलाफ कई कार्रवाई की जाएंगी

नई दिल्लीः आतंकवाद रोधी कड़े कानून यूएपीए के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना के बाद संगठन के खिलाफ कई कार्रवाई की जाएंगी, जिनमें इसकी संपत्तियों को जब्त करना, बैंक खातों पर रोक लगाना और इसकी सामान्य गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना शामिल है।

सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘‘संबंध'' होने के कारण पीएफआई और उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर कड़े आतंकवाद रोधी कानून के तहत पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। केन्द्र सरकार, संगठन को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं, इस पर निर्णय के लिए अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 30 दिनों के भीतर एक न्यायाधिकरण का भी रुख करेगी।

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के अनुसार, यदि प्रतिबंधित समूह के किसी भी सदस्य के पास कोई धनराशि या प्रतिभूतियां हैं जिनका उपयोग किया जा रहा है या गैरकानूनी गतिविधि के लिए इसका उपयोग करने का इरादा है, तो केंद्र एक लिखित आदेश द्वारा ऐसे व्यक्ति को कोई भुगतान करने या धनराशि हस्तांतरित करने से रोक सकता है।

प्रतिबंध आदेशों से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति इस तरह के आदेश की तामील की तारीख से 14 दिनों के भीतर जिला न्यायाधीश की अदालत में आवेदन कर सकता है और यह साबित कर सकता है कि संपत्तियों का उपयोग किसी गैरकानूनी गतिविधि के लिए करने की कोई मंशा नहीं है। जिला न्यायाधीश की अदालत मामले पर फैसला करेगी। जब किसी संगठन को गैरकानूनी घोषित किया जाता है, तो केंद्र सरकार ऐसे "स्थान" को कुर्क कर सकती है जिसमें एक घर या इमारत या उसका हिस्सा, या एक तम्बू शामिल है।

संगठन को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं, इस पर निर्णय के लिए केन्द्र सरकार अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 30 दिनों के भीतर एक न्यायाधिकरण का भी रुख करेगी। न्यायाधिकरण संगठन को इस तरह के नोटिस की तामील की तारीख से 30 दिनों के भीतर कारण बताने के लिए बुलाएगा कि संगठन को गैरकानूनी घोषित क्यों नहीं किया जाना चाहिए। संगठन या उसके पदाधिकारियों या सदस्यों द्वारा बताये गये कारणों पर विचार करने के बाद न्यायाधिकरण जांच करेगा। न्यायाधिकरण मामले पर जल्द से जल्द और किसी भी मामले में अधिसूचना जारी होने की तारीख से छह महीने के भीतर फैसला करेगा।

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