नई कार खरीदने की बना रहे हैं योजना? जानिए EV और हाइब्रिड में कौन है सबसे बेहतर

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 03:22 PM

planning to buy new car know which is best between ev and hybrid

बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों और सख्त होते प्रदूषण नियंत्रण नियमों के बीच अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपके सामने एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। इलेक्ट्रिक (EV) लें या हाइब्रिड कार? दोनों ही विकल्पों के अपने-अपने फायदे और सीमाएं हैं। ऐसे में...

नेशनल डेस्क : बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों और सख्त होते प्रदूषण नियंत्रण नियमों के बीच अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपके सामने एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। इलेक्ट्रिक (EV) लें या हाइब्रिड कार? दोनों ही विकल्पों के अपने-अपने फायदे और सीमाएं हैं। ऐसे में सही निर्णय लेने के लिए जरूरी है कि आप इनकी तकनीक, माइलेज, रखरखाव और पर्यावरणीय प्रभाव को समझें।

पावरट्रेन और टेक्नोलॉजी: कौन है आगे?
इलेक्ट्रिक कारें (EV) पूरी तरह बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर से चलती हैं। इनमें पेट्रोल या डीजल की जरूरत नहीं होती और ये टेलपाइप से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं करतीं। यही कारण है कि इन्हें पर्यावरण के लिए सबसे स्वच्छ विकल्प माना जाता है।

इसके विपरीत, हाइब्रिड कारों में दो पावर सोर्स होते हैं पेट्रोल/डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर। हाइब्रिड कारों के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं:

1. माइल्ड हाइब्रिड: इलेक्ट्रिक मोटर इंजन की केवल सहायता करती है।

2. स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड: कुछ दूरी तक पूरी तरह बैटरी से चल सकती है।

3. प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV): बैटरी को बाहरी चार्जर से भी चार्ज किया जा सकता है।

जहां EVs पूरी तरह फ्यूल-फ्री होती हैं, वहीं हाइब्रिड कारें फ्यूल की बचत करती हैं, लेकिन उसे पूरी तरह खत्म नहीं करतीं।

माइलेज और रनिंग कॉस्ट: किसका खर्च कम?
हाइब्रिड कारें इंजन और मोटर के संयोजन से बेहतर माइलेज देती हैं। उदाहरण के तौर पर, Toyota Innova Hycross और Maruti Grand Vitara Hybrid लगभग 28 किलोमीटर प्रति लीटर (KMPL) तक का माइलेज देती हैं। वहीं, EVs बिजली से चलती हैं और भारत में एक यूनिट बिजली की कीमत औसतन ₹6 से ₹8 के बीच है। इससे EV की रनिंग कॉस्ट लगभग ₹1 प्रति किलोमीटर से भी कम हो जाती है। हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों की सबसे बड़ी सीमा इनकी रेंज है। लंबी यात्रा पर चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता चिंता का विषय बन जाती है, जबकि हाइब्रिड कारें पेट्रोल पंप से तुरंत रिफ्यूल कर चल सकती हैं।

चार्जिंग बनाम फ्यूलिंग: सुविधा किसमें ज्यादा?
EVs को चार्ज करने के लिए या तो घर में चार्जर की जरूरत होती है या फिर सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन की। शहरों में यह सुविधा अब बढ़ रही है, लेकिन छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में अभी भी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर सीमित है।

इसके विपरीत, हाइब्रिड कारों को चार्ज करने की जरूरत नहीं होती। प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV) कारें बैटरी से भी चल सकती हैं और जरूरत पड़ने पर पेट्रोल से भी, जिससे इन्हें अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है।

कीमत और मेंटेनेंस: कौन है जेब पर हल्का?
इलेक्ट्रिक कारों की शुरुआती कीमत लगभग ₹9 लाख से शुरू होकर ₹20 लाख तक जाती है, जबकि हाइब्रिड कारें आमतौर पर ₹15 लाख से ₹22 लाख के बीच मिलती हैं। EVs में इंजन और गियरबॉक्स नहीं होते, जिससे इनका मेंटेनेंस कम होता है। हालांकि, अगर बैटरी खराब हो जाए तो उसे बदलवाना महंगा सौदा हो सकता है। वहीं, हाइब्रिड कारों में दो पावर सिस्टम होने के कारण इनका मेंटेनेंस अपेक्षाकृत ज्यादा होता है और इन्हें नियमित सर्विसिंग की जरूरत होती है।

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