PM मोदी ने जी 20शिखर सम्मेलन पर सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की, मांगा सभी का सहयोग

Edited By Parveen Kumar,Updated: 06 Dec, 2022 12:22 AM

pm chairs all party meeting on g20 summit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की सोमवार को अध्यक्षता की तथा इसे व्यापक रूप से सफल बनाने के लिये सभी दलों का सहयोग मांगा।

नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की सोमवार को अध्यक्षता की तथा इसे व्यापक रूप से सफल बनाने के लिये सभी दलों का सहयोग मांगा। बैठक में उपस्थित नेताओं को सरकार ने जी20 से जुड़़े साल भर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी । सूत्रों ने बताया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा जैसे कुछ नेताओं ने इसमें कहा कि बारी-बारी से दी जाने वाली जिम्मेदारी के तहत भारत को जी 20 की अध्यक्षता मिली है, ऐसे में इसे सरकार की उपलब्धियों के रूप में पेश नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह ऐसा आयोजन है, जिस पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए और इसे सफल बनाने के लिये सभी को योगदान करना चाहिए। ऐसी ही बात आज प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के पदाधिकारियों की बैठक में भी कही थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि जी-20 ‘लोगो' में कमल के फूल का इस्तेमाल करना एक अहम मुद्दा है, लेकिन वह इस बारे में कुछ नहीं बोलेंगी, क्योंकि अगर इस मुद्दे पर बाहर (विदेशों में) चर्चा होती है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि जी20 की अध्यक्षता किसी एक दल का एजेंडा नहीं है, बल्कि पूरे देश का विषय है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जी 20 की अध्यक्षता भारत को मिलने पर बधाई दी और कहा कि यह देश के लिए गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि इस समूह की अध्यक्षता के अवसर को भारत के फायदे के लिए उपयोग में लाया जाए तथा सीमा पर ‘घुसपैठ' को लेकर चीन पर नकेल कसने तथा उसके साथ व्यापार असंतुलन को खत्म करने के प्रयास किए जाएं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के मुताबिक, 50 से अधिक देश कर्ज से जुड़े संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में भारत को दुनिया को इस संकट से बाहर निकालने के लिए उसी तरह का नेतृत्व करना चाहिए, जैसा कि मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए 2008 की आर्थिक मंदी के समय किया था।'' सूत्रों ने बताया, ‘‘खरगे ने कहा कि 2008 के आर्थिक संकट के समय मनमोहन सिंह ने जो मार्गदर्शन किया था, उसकी तारीफ तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की थी।''

सूत्रों ने बताया कि खरगे ने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों से निपटने के लिए भी इस अवसर का इस्तेमाल हो। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से जुड़े क्षतिपूर्ति के प्रावधान को भारत को मिलना सुनिश्चित करने की भी पैरवी की। रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख पर उन्होंने प्रधानमंत्री से शांति बनाए रखने के प्रयास तथा ऐसा माहौल बनाने में मदद करने को कहा जहां फिर से युद्ध जैसी कोई स्थिति पैदा न हो। बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) प्रमुख के चंद्रशेखर राव और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष ललन सिंह ने हिस्सा नहीं लिया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से किसी ने भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया। माकपा नेता येचुरी ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता सदस्य देशों को बारी-बारी से मिलती है और इसी आधार पर यह स्वत: ही भारत को मिली है।

भाकपा के डी राजा ने कहा कि भारत को इस अवसर का उपयोग भारत के युवाओं, किसानों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिये करना चाहिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को बैठक में भाग लेते हुए विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में शांति, अहिंसा, सौहार्द्र और समान न्याय को बढ़ावा देने के लिए इस अवसर का इस्तेमाल करेंगे। इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लिया हिस्सा लिया, जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, सिक्किम के प्रेम सिंह तमांग, महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी शामिल हैं।

बैठक में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू समेत अन्य नेता उपस्थित थे। बैठक में सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल आदि मौजूद थे । संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा करीब 40 दलों के अध्यक्षों को बैठक में आमंत्रित किया गया था। भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है।

इस साल दिसंबर से देश के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक तैयारी बैठकों की मेजबानी किए जाने की उम्मीद है। अगले साल नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन होना है। इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों में जी20 की कई बैठकें आयोजित की जाएंगी। जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर- सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। 

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