Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Feb, 2019 03:41 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए यहां शुक्रवार को 2018 का ‘सियोल शांति पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
सियोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए यहां शुक्रवार को 2018 का ‘सियोल शांति पुरस्कार’ प्रदान किया गया। सियोल पीस प्राइज फाउंडेशन ने यहां आयोजित एक भव्य समारोह में मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर मोदी के जीवन तथा उनकी उपलब्धियों पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। मोदी ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार व्यक्तिगत रूप से केवल मेरा नहीं बल्कि भारत की जनता के लिए है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने जो सफलता हासिल की है वह भारत की जनता की आकांक्षाओं, प्रेरणाओं और प्रयासों का नतीजा है। उनकी तरफ से मैं यह पुरस्कार ग्रहण करता हूं और अपना आभार प्रकट करता हूं।
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का समय
मोदी ने कहा कि वैश्विक जगत आतंकवादी नेटवर्कों और उन्हें वित्तीय मदद मुहैया कराने वाले माध्यमों का पूरी तरह खात्मा करने के लिए एकजुट होकर कदम’’ उठाए। मोदी ने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमलों के बाद दक्षिण कोरिया के समर्थन के लिए उसका आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन के साथ बातचीत के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि दुनिया बातें करना छोड़कर आतंकवाद के खिलाफ ‘‘एकजुट होकर कार्रवाई’’ करे।
बाद में, उन्होंने प्रतिष्ठित सियोल शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद यहां एक समारोह में कहा कि दक्षिण कोरिया की तरह ही भारत भी सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित है। मोदी ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण विकास की हमारी कोशिशें अकसर सीमापार आतंकवाद की वजह से बाधित होती रही हैं। पाकिस्तान पर कई आतंकवादी समूहों को पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप है। मोदी ने कहा कि भारत 40 से अधिक वर्षों से सीमा पार से आतंकवाद का पीड़ित रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि मानवता में विश्वास रखने वाले सभी देश आतंकवादी नेटवर्कों, उन्हें वित्तीय मदद देने वाले माध्यमों का पूरी तरह खात्मा करने और आतंकवादी विचारधारा एवं दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए हाथ मिलाएं। हम ऐसा करके ही नफरत को सौहार्द, विनाश को विकास और हिंसा एवं प्रतिशोध के परिदृश्य को शांति में बदल सकते हैं।