Edited By vasudha,Updated: 14 Apr, 2020 05:14 PM
कोरोना वायरस संकट के इस दौर में जब चिकित्सा कर्मियों और पुलिसकर्मियों की भूमिकाएं बेहद अहम हो गई हैं, केरल के सिविल पुलिस अधिकारी और महिला डॉक्टर ने वैश्विक महामारी के खिलाफ समाज की जंग में अपनी भूमिका से पीछे न हटने का फैसला कर मिसाल कायम करते हुए...
नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस संकट के इस दौर में जब चिकित्सा कर्मियों और पुलिसकर्मियों की भूमिकाएं बेहद अहम हो गई हैं, केरल के सिविल पुलिस अधिकारी और महिला डॉक्टर ने वैश्विक महामारी के खिलाफ समाज की जंग में अपनी भूमिका से पीछे न हटने का फैसला कर मिसाल कायम करते हुए अपनी शादी टालने का फैसला किया है। दोनों परिवार की आपत्ति को दरकिनार करते हुए, 32 वर्षीय सिविल पुलिस अधिकारी एम प्रसाद और यहां पास के सरकारी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में काम कर रही डॉक्टर 25 वर्षीय पी आर्या ने अपनी शादी टाल दी जो इस महीने की शुरुआत में होनी तय थी।
लॉकडाउन के मद्देनजर दोनों परिवारों ने शादी के आयोजन को कम मेहमानों की मौजूदगी में साधारण ही रखने का फैसला किया था लेकिन दूल्हा-दुल्हन के दबाव के सामने उन्हें झुकना पड़ा। पास के विथुरा के निवासी, प्रसाद ने कहा कि वह राजधानी शहर में यातायात ड्यूटी में व्यस्त हैं जहां उनका काम बंदी के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की जांच करना है और वह जरूरतमंदों को भोजन का पैकेट वितरित करने के काम में भी शामिल हैं।
प्रसाद ने कहा कि हम हर वक्त अपने निजी मामलों को महत्व नहीं दे सकते। हमने सही फैसला किया है। बंद के नियम प्रभावी रहने के दौरान डॉ आर्या भी पास के कन्याकुलांगरा में स्थित सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की जांच करने में व्यस्त हैं। आर्या ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले ज्यादातर लोग हम जैसे साधारण लोग हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए मैंने सोचा कि हमें इस संकट के समय में समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नहीं भूलना चाहिए।”वहीं मलप्पुरम जिले के मंजेरी में एक नर्स दीप्ति ने वेनगेरी के निजी बैंक में कार्यरत सुदीप से शादी की लेकिन अपनी शादी के लिए उसने बस एक दिन की छुट्टी ली।