सरकार की जन संदेशों को नियंत्रित करने की तैयारी : कांग्रेस

Edited By shukdev,Updated: 24 Dec, 2018 08:48 PM

preparation to control public messages of the people congress

कांग्रेस ने सूचना के माध्यमों पर अंकुश लगाने संबंधी सरकार के इस प्रस्ताव की आलोचना की है जिसमें सेवा प्रदाताओं को उनेके प्लेटफार्म से भेजे गये संदेशों के बारे में पूरा विवरण उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार...

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सूचना के माध्यमों पर अंकुश लगाने संबंधी सरकार के इस प्रस्ताव की आलोचना की है जिसमें सेवा प्रदाताओं को उनेके प्लेटफार्म से भेजे गये संदेशों के बारे में पूरा विवरण उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को कहा कि मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार सरकार की योजना सूचना प्रौद्योगिकी इंटरमीडियरी दिशानिर्देश नियमावली में बदलाव करने की है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सच में यह बदलाव करने जा रही है तो यह भयावह स्थिति होगी।

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है और इस पर अभी जनता की राय भी नहीं ली गई है। इसके तहत सेवा प्रदाता वाट्सअप, फेसबुक, सिग्नल, इंस्टाग्राम आदि सभी को ऐसी तकनीकी प्रयोग में लानी होगी जिसमें उन्हें बताना पड़ेगा कि संदेश भेजने वाला और संदेश पाने वाला कौन है और उस संदेश में क्या निहित है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस संशोधन को लागू करती है तो इससे संदेशों की गोपनीयता खत्म हो जाएगी और सरकार को नागरिकों के संदेशों में हस्तक्षेप करने का अधिकार मिल जाएगा। उन्होंने इसे विकृत संस्कृति करार दिया और उम्मीद जताई कि सरकार इसे लागू नहीं करेगी।

प्रवक्ता ने कहा कि यदि सरकार दुर्भाग्य से इसे लागू किया जाता है तो किसी भी माध्यम से नागरिकों की निजता का खुलासा करवाना आसान हो जाएगा और इसका दुरुपयोग भी हो सकेगा। गोपनियता का कोई मतलब इसे लागू होने के बाद नहीं रह जाएगा। हर सूचना का स्रोत बताना आवश्यक हो जाएगा। उन्होंने इसे मोदी सरकार की जासूसी कार्रवाई बताया और कहा कि इस प्रस्ताव को देशहित में क्रियान्वित नहीं किया जाना चाहिए। 

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