Edited By Anil dev,Updated: 16 Feb, 2019 03:16 PM
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। वहीं फॉरेंसिक और एनएसजी की शुरुआती रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। वहीं फॉरेंसिक और एनएसजी की शुरुआती रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार इस हमले को लेकर 150 से 200 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ है। वहीं पता चला है इस हमले की चपेट में आई बस बुलेट आईईडी प्रूफ नहीं थी। आतंकी ने काफिले में 5वें नंबर पर चल रही बस को कार की टक्कर मारी।
आपको बतां दे कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। तभी एक आत्मघाती आतंकवादी ने विस्फोटक से भरी अपनी कार जवानों की बस से भिड़ा दी। इस बस में 40 जवान शहीद हो गए थे। आतंकवादियों ने जिस स्थान पर घटना को अंजाम दिया है वह लाथपोरा के कमांडो ट्रेनिंग सेंटर से ज्यादा दूर नहीं है। यहां पर 31 दिसंबर 2017 को आतंकवादियों ने हमला किया था। इसमें सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि घटना में शहीद हुए जवानों के क्षत विक्षत शव जम्मू कश्मीर राजमार्ग में बिखर गए। कुछ शवों की हालत तो इतनी खराब है कि उनकी शिनाख्त में काफी वक्त भी लग सकता है। विस्फोट की आवाज सुनाई देते ही लोग यहां वहां भागने लगे। घटनास्थल से 300 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित लेथपुर बाजार के दुकानवाले अपनी अपनी दुकानों के शटर गिरा कर भाग गए।