Edited By Anil dev,Updated: 20 Feb, 2019 03:22 PM
जाको राखे साइयां, मार सके न कोय...कहते है जिसकी रक्षा भगवान करता है उसको मारने वाला कोई हो ही नहीं सकता। यह कहावत थाना बेल्कर नाम के जवान पर सटीक बैठती है। थाना बेल्कर पर ये कहावत 100 फीसद सटीक बैठती है।
नई दिल्ली: जाको राखे साइयां, मार सके न कोय...कहते है जिसकी रक्षा भगवान करता है उसको मारने वाला कोई हो ही नहीं सकता। यह कहावत थाना बेल्कर नाम के जवान पर सटीक बैठती है। थाना बेल्कर पर ये कहावत 100 फीसद सटीक बैठती है। उनकी नसीब में जिंदगी की लकीर शायद बहुत लंबी थी और वो उस कायराना हमले का शिकार बनने से बच गए जिसमें देश ने सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवानों को देश ने खो दिए।
घर में चल रही थी शादी की तैयारियां
जानकारी मुताबिक महाराष्ट्र के अहमदनगर के थाका बेलकर सीआरपीएफ की उसी बटालियन में थे, जिस पर आतंकी हमला हुआ। हमले वाले दिन उनके घर उनकी शादी की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन उन्हें हैडक्वार्टर से छुट्टी नहीं मिली थी, लेकिन जैसे ही वह अपनी बटालियन के साथ कश्मीर जाने के लिए गाड़ी में बैठे, उनके फोन पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि -आपकी छुट्टी मंजूर हो गई है-ये मैसज पढ़कर बेलकर गाड़ी से नीचे उतर गए और उनकी जान बच गई। गाड़ी से उतरकर जब वह अपने कैंप में पहुंचे तो उसके कुछ ही घंटे के बाद उन्हें यह जानकारी मिली की बस में सवार उनके साथी मार दिए गए हैं।