इच्छा मृत्यु पर बोले चीफ जस्टिस मिश्रा, हर व्यक्ति को सम्मान से मरने का अधिकार

Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Sep, 2018 11:01 PM

right to die in respect of every person justice deepak mishra

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इच्छा मृत्यु पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कानूनी तौर पर कोई भी व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता लेकिन सम्मान के साथ मरने का हर किसी को अधिकार है। शनिवार को पुणे में बैलैंसिंग ऑफ कॉन्स्टिट्यूशनल राइट्स के...

पुणेः सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इच्छा मृत्यु पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कानूनी तौर पर कोई भी व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता लेकिन सम्मान के साथ मरने का हर किसी को अधिकार है। शनिवार को पुणे में बैलैंसिंग ऑफ कॉन्स्टिट्यूशनल राइट्स के विषय पर आयोजित एक व्याख्यान को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने यह बात कही। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि अगर कोई इंसान ऐसी बीमारी से ग्रस्त है जो कभी नहीं ठीक हो सकती और वह इच्छामृत्यु चाहता है तो वह इसके लिए अपनी 'लिविंग विल' बना सकता है।
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जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हर व्यक्ति का अपना अधिकार है कि वह कब तक अंतिम सांस ले और इसके लिए उस पर किसी भी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस सहित सुप्रीम कोर्ट और मुंबई हाईकोर्ट के कई न्यायाधीश भी मौजूद थे।
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उल्लेखनीय है कि इसी साल 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए मरणासन्न व्यक्ति द्वारा इच्छा मृत्यु के लिए लिखी गई वसीयत (लिविंग विल) को गाइडलाइन्स के साथ कानूनी मान्यता दी थी। कोर्ट ने तब फैसला सुनाते हुए कहा था कि मरणासन्न व्यक्ति को यह अधिकार होगा कि कब वह आखिरी सांस ले।

 

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