Edited By Anil dev,Updated: 16 Jun, 2018 10:52 AM
मिशन 2019 के लिए जहां एक तरफ विपक्ष एकजुट होकर तैयारियों में लग गया है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के लिए आरएसएस भी ताल ठोकने के लिए मैदान में उतरने के लिए तैयार है। आरएसएस ने बीजेपी सरकार के लिए एजेंडा तैयार कर लिया है और अगले महीने से मैदान में अपने...
नई दिल्ली: मिशन 2019 के लिए जहां एक तरफ विपक्ष एकजुट होकर तैयारियों में लग गया है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के लिए आरएसएस भी ताल ठोकने के लिए मैदान में उतरने के लिए तैयार है। आरएसएस ने बीजेपी सरकार के लिए एजेंडा तैयार कर लिया है और अगले महीने से मैदान में अपने वरिष्ठ प्रचारकों को उतारने की तैयारी कर ली है और इसके लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से शनिवार यानी आज अपनी रणनीति को लेकर जानकारी दे सलाह की जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक ये एजेंडा हरियाण के सूरजकुंड में तैयार किया गया है और इस बैठक में संघ के सभी वरिष्ठ नेता जुड़ी हुई संगठनों के प्रमुख व भाजपा संगठन के मंत्री उपस्थित रहे। इस बैठक में शामिल हुए एक नेता के मुताबिक आरएसएस सरकार की योजनाओं से तो खुश है लेकिन कई क्षेत्रों को लेकर पार्टी का विरोध है। इसके लिए रणनीति तैयार की गई है जिसमें दलित, आर्थिक क्षेत्र व सरकार की वे योजनाए जो जमीनी स्तर पर नहीं उतर पाई।
2019 के लिए तैयार किए गए एजेंडे में दलितों के साथ पैठ बढ़ाने को ज्यादा महत्व दिया गया है। बैठक के बाद सभी प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी के साथ रात्रिभोज भी किया था। वहीं ये भी बताया गया है आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ होने वाली चर्चा में दलितों को लुभाने के लिए एक मंदिर, कुआं और एक श्मसान अधियान को युद्धस्तर पर शुरू करने की बात कही जाएगी। संघ एक तरफ ये भी मान रही है कि सरकार के पास कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें उम्मीद है कि मध्य वर्ग आज भी उनसे जुड़ा हुआ है। लेकिन फिर भी संघ को डर है कि चुनाव नजदीक आते आते कोई भ्रम पैदा ना हो इसलिए इस वर्ग से पैठ बनाए रखने के लिए कोई बड़ा फैसला लिया जाए।