Edited By Mahima,Updated: 07 Mar, 2024 09:10 AM
युद्ध से जूझ रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले कई बड़े वादे किए हैं। इन वादों को पूरा करने के लिए 130 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि इन्हें अगले छह वर्षों के अंदर पूरी नहीं किया गया तो...
नेशनल डेस्क: युद्ध से जूझ रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले कई बड़े वादे किए हैं। इन वादों को पूरा करने के लिए 130 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि इन्हें अगले छह वर्षों के अंदर पूरी नहीं किया गया तो इनकी लागत कई गुना बढ़ जाएगी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने रूसी संसद में अपने वार्षिक संबोधन के दौरान जिन राष्ट्रीय परियोजनाओं का जिक्र किया उनमें लोगों के जीवन स्तर में सुधार के साथ लोगों के कर्जों को बड़े पैमाने पर माफ करना भी शामिल है। पुतिन को विश्वास है कि रूसी लोग इन लोकलुभावन वादों को सुनकर उनके लिए पहले से ज्यादा समर्थन देंगे।
जानकारों ने जताया आर्थिक मंदी का अंदेशा
रूस की अर्थव्यवस्था के जानकारों का कहना है कि क्रेमलिन के खजाने पर अगर 130 अरब डॉलर का भार बढ़ता है तो इससे आर्थिक मंदी आ सकती है। रूस को इस समय यूक्रेन से चल रहे युद्ध का खर्चा भी उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा रूस पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध भी लगा रखे हैं। ऐसे में उसके पास आय के सीमित संसाधन हैं। जानकारों का यह भी कहना है कि सिर्फ चंद एशियाई देशों को बेचे जा रहे तेल और गैस के भरोसे पुतिन के लिए अपने वादों को पूरा करना आसान नहीं होगा। रूस प्रतिबंधों के कारण कोई बड़ी डिफेंस डील भी नहीं कर सकता है। खाद्यान्न निर्यात को लेकर भी रूस कई परेशानियों का सामना कर रहा है।
वादों में क्या है शामिल
पुतिन के प्रस्तावों में जन्म दर और जीवन प्रत्याशा बढ़ाने के लिए सरकारी समर्थन का विस्तार करना, बुनियादी ढांचे में सुधार, प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देना और गैर-तेल निर्यात को बढ़ाना शामिल है। कई अन्य विचारों का उद्देश्य मानव संसाधनों को विकसित करना है क्योंकि रूस लगातार श्रम की भारी कमी का सामना कर रहा है, जो यूक्रेन में युद्ध के कारण और भी गंभीर हो गया है। रोस बैंक का अनुमान है कि पुतिन की योजनाओं को जीवन में लाने के लिए आवश्यक नया बजट खर्च लगभग 5.7 ट्रिलियन रूबल यानी 62.5 बिलियन डॉलर होगा। रोस बैंक ने एक नोट में लिखा है कि 2024-2026 के लिए पहले से आवंटित बजट खर्च और पुतिन की पहल की अतिरिक्त लागत को ध्यान में रखते हुए उनके अगले राष्ट्रपति कार्यकाल में कुल खर्च 15 ट्रिलियन रूबल तक पहुंच सकता है।