Edited By Anil dev,Updated: 14 Jul, 2020 03:07 PM
कांग्रेस ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट को मंगलवार को उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया। इसके साथ ही पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पायलट खेमे में गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं...
नई दिल्ली: कांग्रेस ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट को मंगलवार को उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया। इसके साथ ही पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पायलट खेमे में गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल हटा दिया है। वहीं राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बगावत अभी भी जारी है। सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शक्ति प्रदर्शन के बाद सचिन पायलट की तरफ से सुलह का कोई सन्देश नहीं आया है।
गहलोत के घर पर हुई बैठक में नहीं पुहंचे थे सचिन पायलट
जयपुर में अशोक गहलोत के घर पर हुई बैठक में सचिन पायलट नहीं पुहंचे थे। गहलोत के समर्थन में लगभग 97 विधायक बैठक में शामिल हुए हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत 105 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों की ज़रुरत है। कांग्रेस के शीर्ष नेता सचिन पायलट को मनाने में लगे हुए है। जानकारी के मुताबिक, सचिन पायलट से फ़ोन पर राहुल गांधी ने एक बार, प्रियंका गांधी ने 4 बार, चिदंबरम ने 6 बार,अहमद पटेल ने 15 बार और केसी वेणुगोपाल ने 3 बार बात की। सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने पार्टी को साफ साफ कह दिया है कि जब तक अशोक गहलोत मुख्यमंत्री रहेंगे तब तक वे उनके साथ काम नहीं करेंगे। आईए आपको बताते हैं कि राजस्थान के सियासी संकट की शुरुआत कैसे हुई।