Edited By rajesh kumar,Updated: 20 Dec, 2020 03:46 PM
शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा से बचने के लिये संसद का शीतकालीन सत्र रद्द किया गया है।
नेशनल डेस्क: शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा से बचने के लिये संसद का शीतकालीन सत्र रद्द किया गया है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक लेख 'रोकटोक' में राउत ने ऐसे समय में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर 'एक हजार करोड़ रुपये' खर्च करने की जरूरत पर भी सवाल उठाए जब नरेन्द्र मोदी सरकार चचा कराने और संसद सत्र बुलाने की इच्छुक नहीं दिख रही है।
इसलिये रद्द किया गया शीतकालीन सत्र
केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं। राउत ने कहा, 'संसद का शीतकालीन सत्र इसलिये रद्द किया गया ताकि दिल्ली के निकट चल रहे किसानों के आंदोलन पर कोई चर्चा न हो।'
मौजूद संसद भवन ठीक, 75 साल तक अच्छी तरह से काम चल सकता है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखते हुए इसे 'भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील का पत्थर' करार दिया था। इस त्रिकोणीय आकार वाले संसद भवन में 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। अगस्त, 2022 में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। राउत ने इसे लेकर केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मौजूद संसद भवन ठीक है और इसमें अलगे 50 से 75 साल तक अच्छी तरह से काम चल सकता है।