Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Jan, 2020 04:28 PM
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए सभी पक्षों की दलील के बाद इसे केस को बड़ी बेंच में भेजे जाने पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमने तीन दिनों तक इस केस की सुनवाई...
नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए सभी पक्षों की दलील के बाद इसे केस को बड़ी बेंच में भेजे जाने पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमने तीन दिनों तक इस केस की सुनवाई की है और अब हमें इस मामले को कहां भेजना है, इस बारे में विचार करना है। वहीं सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि अलगाववादी वहां जनमत संग्रह का मुद्दा उठाते आए हैं क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर को अलग संप्रभु राज्य बनाना चाहते हैं।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अलगाववादी अपना अलग राज्य चाहते हैं, ऐसे में उनकी बात सही है, यह कहना ठीक नहीं है। वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महाराजा ने भारत की मदद इसलिए मांगी थी क्योंकि वहां विद्रोही घुस चुके थे। वहां पर आपराधिक घटनाएं हुईं और आंकड़े बताते हैं कि अलगाववादियों को पाकिस्तान से ट्रेनिंग दी गई ताकि यहां बर्बादी की जा सके।
वहीं वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार बताए कि ऐसी क्या इमरजेंसी आन पड़ी थी कि 370 हटाने से पहले राज्य विधानसभा को भरोसे में नहीं लिया गया। इस मामले पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को कई वरिष्ठ वकीलों ने केस बड़ी बेंच को सौंपने की मांग की थी लेकिन अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मामले को पांच से अधिक जजों की संविधान पीठ में नहीं भेजे जाने की वकालत की थी।