Edited By ,Updated: 18 Mar, 2017 10:46 AM
कश्मीर से वर्ष 2010 के आई.ए.एस. टॉपर डा. शाह फैजल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर एक बार फिर विवाद खड़ा किया है। फैजल ने सरकारी नौकरी को दिमाग, आंखें, जीभ, हाथ और पैरों की गुलामी बताया है।
श्रीनगर: कश्मीर से वर्ष 2010 के आई.ए.एस. टॉपर डा. शाह फैजल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर एक बार फिर विवाद खड़ा किया है। फैजल ने सरकारी नौकरी को दिमाग, आंखें, जीभ, हाथ और पैरों की गुलामी बताया है। फैजल ने 14 मार्च को अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा था कि मेरे पास स्टार्टअप और खुद का काम करने वाले युवाओं को सपोर्ट करने की मजबूत वजह है। यह लोगों को पूरी आजादी देती है।
जहां कई लोग फैजल की पोस्ट को लेकर बहस कर रहे हैं, वहीं एक युवा आई.पी.एस. अधिकारी शैलेंद्र मिश्रा ने डा. फैजल को लताड़ते हुए करारा जवाब दिया है। एम.बी.ए. ग्रैजुएट मिश्रा अभी बतौर एस.एस.पी. ऊधमपुर कार्यरत हैं। मिश्रा चाहते हैं कि युवा अपने सपनों का पीछा और सरकारी नौकरी करें। मिश्रा ने फैजल को जवाब देते हुए लिखा है कि मैं 7 साल से सरकारी नौकरी कर रहा हूं।
इससे पहले मैं एक इंटरप्रीन्योर और कार्पोरेट कर्मचारी के तौर पर काम कर चुका हूं। सरकारी नौकरी की वजह से मेरी बुद्धि बढ़ी और मुझे युवाओं को दिशा देने का बड़ा कैनवस मिला। साथ ही मिश्रा ने लिखा है कि यह सरकारी नौकरी केवल एक नौकरी भर नहीं है, बल्कि यह लाखों युवाओं की प्रतिभाओं, उनकी योग्यताओं को जाहिर करने के लिए एक माहौल उपलब्ध करवाती है।