शरजील इमाम ने कोर्ट से कहा, चक्का जाम को ‘‘विरोध का हिंसक तरीका'' नहीं कहा जा सकता

Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Mar, 2023 06:37 PM

sharjeel imam told court chakka jam cannot be called violent method protest

वर्ष 2019 के जामिया नगर हिंसा मामले में अपनी रिहाई का बचाव करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उन्होंने केवल शांतिपूर्ण तरीके से अभियान चलाया और चक्का जाम को...

 

नेशनल डेस्क: वर्ष 2019 के जामिया नगर हिंसा मामले में अपनी रिहाई का बचाव करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उन्होंने केवल शांतिपूर्ण तरीके से अभियान चलाया और चक्का जाम को ‘‘विरोध का हिंसक तरीका'' नहीं कहा जा सकता। इमाम का यह रुख दिल्ली पुलिस की उस याचिका के जवाब में दाखिल लिखित प्रतिवेदन में आया, जिसमें निचली अदालत के चार फरवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी।

निचली अदालत ने इस मामले में इमाम, छात्र कार्यकर्ता आसिफ इकबाल तन्हा और सफूरा जरगर सहित कई अन्य लोगों को आरोपमुक्त किया था। यह मामला दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया नगर इलाके में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद भड़की हिंसा से जुड़ा है। जांच एजेंसी द्वारा अपने एक वकील के खराब स्वास्थ्य के कारण समय मांगे जाने के बाद न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने मामले की सुनवाई 23 मार्च के लिए सूचीबद्ध की।

अदालत ने प्रतिवादियों से इस बीच अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा। इसने यह भी निर्देश दिया कि वीडियो सहित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को रिकॉर्ड पर रखा जाए। निचली अदालत ने चार फरवरी के अपने आदेश में इस मामले में 11 आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि आरोपियों को पुलिस द्वारा ‘‘बलि का बकरा'' बनाया गया। 

 

Related Story

India

Australia

Match will be start at 22 Mar,2023 03:00 PM

img title img title

Everyday news at your fingertips

Try the premium service

Subscribe Now!