Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Jul, 2018 04:49 PM
सावन का पहला सोमवार आज पंजाब, उत्तराखंड और नेपाली मूल के कुछ क्षेत्रों में भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। संक्रांति के अनुसार आज से सावन का आरंभ हो गया है। जो 17 अगस्त तक रहेगा। अन्य क्षेत्रों में 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा से सावन शुरू होगा
ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
सावन का पहला सोमवार आज पंजाब, उत्तराखंड और नेपाली मूल के कुछ क्षेत्रों में भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। संक्रांति के अनुसार आज से सावन का आरंभ हो गया है। जो 17 अगस्त तक रहेगा। अन्य क्षेत्रों में 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा से सावन शुरू होगा और 26 अगस्त तक चलेगा। सावन की महाशिवरात्रि 9 अगस्त को मनाई जाएगी और 11 अगस्त को हरियाली अमावस का भी अपना अलग महत्व है। इस मास में भगवान शिव की पूजा करना श्रेष्ठ एवं शुभफलदायक है। अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार कोई संक्रांति से संक्रांति अथवा पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सोमवार का व्रत करता है।
विद्वानों के अनुसार पूर्णिमा के बाद सावन सोमवार करना उत्तम रहता है। पहला सोमवार 30 जुलाई को है, दूसरा 6 अगस्त को, तीसरा 13 अगस्त, चौथा और अंतिम 20 अगस्त। श्रावण मास के मंगलवार के व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। जिन कन्याओं के विवाह में विलंब हो रहा है, उन्हें सावन के महीने में मंगला गौरी का व्रत रखना शुभ फलदायक रहता है।
सावन के महीने में सोमवार के व्रत की सर्वाधिक महिमा है। यह भगवान शिव का जहां सर्वप्रिय मास है, वहीं सोमवार के दिन भगवान शिव एवं मां पार्वती के पूजन के साथ ही शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा का पात्र सहज ही बना जा सकता है। भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए सावन के सोमवार को व्रत करने का शास्त्रानुसार विधान है। जो कन्याएं अपनी इच्छानुसार पति पाना चाहती हैं अथवा जिनके विवाह आदि में किसी प्रकार की रुकावट आ रही हो उनके लिए तो सावन के सोमवार का व्रत ही कल्पतरु के समान है। शिवपुराण के अनुसार जिस कामना से कोई सावन सोमवार का व्रत करता है उसकी वह कामना अवश्य एवं अति शीघ्र पूरी हो जाती है।
Kundli Tv - पूजा के समय नारियल का खराब होना देता है ये संकेत (देखें VIDEO)