Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 May, 2018 06:19 PM
छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में रविवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ। नक्सलियों ने जवानों के वाहन को आईडी ब्लास्ट से ध्वस्त कर दिया जिसमें 6 जवान शहीद हो गए। इन शहीदों में एक बिहार के बेगूसराय के राजेश कुमार भी थे...
नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में रविवार को बड़ा नक्सली हमला हुआ। नक्सलियों ने जवानों के वाहन को आईडी ब्लास्ट से ध्वस्त कर दिया जिसमें 6 जवान शहीद हो गए। इन शहीदों में एक बिहार के बेगूसराय के राजेश कुमार भी थे। उनकी शहादत की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम पसर गया। राजेश छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 16वीं वाहिनी के जवान थे, उनकी तैनाती किरदुल कैंप में की गयी थी। नक्सलियों से लोहा लेने के दौरान राजेश ने अपनी शहादत दे दी।
सोमवार को राजेश का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पहुंचा। वीर सपूत को आखरी सलामी देने के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लग गया। वहीं शहीद के पिता ने नम आंखों से बताया कि शनिवार रात उनके बेटे ने फोन कर कहा था कि जंगल में ऑपरेशन पर जा रहा हूं, परिवार का ध्यान रखिएगा। लगभग 3 बजे राजेश की पत्नी के पास फोन आया कि वह शहीद हो गए। शहीद के घर में उनके पिता, मां, पत्नी और उनके तीन बच्चे हैं। वह चार बहनों में अकेले भाई थे।
राजेश तीन दिन पूर्व ही अपनी भांजी का जन्मदिन मना कर वह ड्यूटी पर लौटे थे। जाते समय उन्होंने अपनी पत्नी से वादा भी किया था कि वह जल्द ही लौट आऊंगा लेकिन परिवार वालों को क्या पता था कि उनका बेटा इस तरह घर लौटेगा। शहीद के परिवार को अपने बेटे के लिए तड़पता देख हर किसी की आंखें भर आई। गांव वालों के अनुसार जब भी राजेश घर आता था वह सबसे मिलता-जुलता था। ड्यूटी पर जाने के समय भी वह सबसे मिल कर रवाना हुआ था। उन्हे विश्वास ही नहीं हो पा रहा है कि राजेश हमेशा के लिए हमलोगों से दूर हो गया है।