Edited By shukdev,Updated: 08 Jan, 2020 08:25 PM
भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता को बुधवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय में माकपा समर्थित एसएफआई के सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्हें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर व्याख्यान देना था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने यह रुकवा दिया। राज्यसभा सदस्य...
कोलकाता: भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता को बुधवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय में माकपा समर्थित एसएफआई के सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्हें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर व्याख्यान देना था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने यह रुकवा दिया। राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता को विश्वविद्यालय के लिपिका सभागार में व्याख्यान श्रृंखला के तहत 'सीएए 2019: समझ और व्याख्या' पर बोलना था। कार्यक्रम अपराह्न साढ़े तीन बजे होना था, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को करनी थी। हालांकि जैसे ही दासगुप्ता विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए, छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।
एसएफआई की विश्वविद्यालय इकाई के नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र 'समुदायों के बीच नफरत को बढ़ाना देने वालों' को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए विश्व भारती की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर स्थापित है। उन्होंने कहा,'हम भाजपा और हिंदुत्व शक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे।' भाजपा नेता ने ट्वीट किया,'सीएए पर आयोजित शांतिपूर्ण बैठक पर भीड़ हमले और छात्रों को डराए जाने पर कैसा अनुभव होता है? ऐसा ही कुछ विश्व भारती में हो रहा है जहां मैं संबोधन दे रहा हूं। फिलहाल कमरे में बंद हूं और बाहर भीड़ जमा है।'
विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने कहा कि प्रदर्शन के चलते दासगुप्ता को अतिथि गृह में रखा गया है। हालांकि विश्वविद्यालय के अधिकारियों की ओर से इसपर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। विश्व भारती की स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1921 में की थी। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है।