Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 04:14 PM
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद दिवाली की रात राजधानी में जमकर पटाखे जलाए गए और इसका असर राजधानी की हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ा। यह बात पटाखे चलाने के बाद किए गए अध्ययन में बताई गई है। दीपावली...
नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद दिवाली की रात राजधानी में जमकर पटाखे जलाए गए और इसका असर राजधानी की हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ा। यह बात पटाखे चलाने के बाद किए गए अध्ययन में बताई गई है। दीपावली और उसके दो दिन बाद भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रिकार्ड किया गया प्रदूषण का स्तर पहले से किए गए भविष्यवाणी के अनुरुप ही रहा। ऐसा दिखाई दिया है कि शहर में बिना बक्री के पटाखों का समूचा स्टॉक का इस्तेमाल किया गया है। इन आकड़ों से संकेत मिलता है कि कोर्ट द्वारा शहर में पटाखों की बिक्री पर लगाई गई पाबंदी का कोई प्रभाव नहीं रहा और इस बात को स्पष्ट करने में काफी पड़ताल हुई कि वायु क्यों दूषित रही।
कोर्ट के फैसले के पीछ यह विचार था कि इस बात का पता लगाया जाए कि पटाखों के कम इस्तेमाल करने से सर्दियों के दौरान दिल्ली में प्रदूषण अहितकारी तो नहीं रहेगा। इस पाबंदी के परिणामस्वरूप 19, 20, 21 अक्तूबर को घोषित प्रदूषण का स्तर तीन स्तरों पर एक साथ दिखाई दिया। यह बात गोवा Urban Emissions की ओर से कही गई। पहला चरण यह था कि पटाखों के इस्तेमाल में कोई कमी नहीं आई, दूसरा चरण में 25% और तीसरे चरण 50% कमी आई। Urban Emissions के निर्देशक सरथ गुट्टीकुंडा ने कहा कि प्रदूषण चरण सीमा पर केवल 0% मिलता-जुलता है, जिसका अर्थ यह है कि पाबंदी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।