Edited By Yaspal,Updated: 08 May, 2019 07:39 PM
केन्द्र ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है जिसमें उसने व्यवस्था दी कि पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी केन्द्र शासित प्रदेश की निर्वाचित सरकार के रोजमर्रा के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं।...
नई दिल्लीः केन्द्र ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है जिसमें उसने व्यवस्था दी कि पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी केन्द्र शासित प्रदेश की निर्वाचित सरकार के रोजमर्रा के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने केन्द्र की याचिका का उल्लेख करते हुये इस पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया।
मेहता ने कहा, ‘‘वहां (पुडुचेरी में) अब शासन ठप है।'' पीठ ने केन्द्र का अनुरोध ठुकराते हुये कहा कि उसने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि अपने मामलों को शीघ्र सूचीबद्ध कराने का अनुरोध करने वाले अधिवक्ता आवश्यक मेमो रजिस्ट्रार को दे सकते हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने 30 अप्रैल को कांग्रेस के विधायक के. लक्ष्मीनारायणन की याचिका पर केन्द्र शासित प्रदेश की प्रशासक के अधिकार बढ़ाने संबंधी केन्द्रीय गृह मंत्रालय के जनवरी और जून 2017 के दो संदेशों को निरस्त कर दिया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच अधिकारों को लेकर हुयी खींचतान पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था का जिक्र करते हुये उच्च न्यायालय ने कहा था कि दिल्ली की सरकार पर लगायी गयी पाबंदियां पुडुचेरी सरकार पर लागू नहीं होती हैं। उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘प्रशासक सरकार के रोजमर्रा के कामों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। मंत्रिपरिषद और मुख्यमंत्री द्वारा लिये गये निर्णय सचिवालय और अन्य अधिकारियों पर बाध्यकारी हैं।