Edited By Anil dev,Updated: 07 Dec, 2018 11:28 AM
उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की सीबीआई के विशेष निदेशक के रूप में नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज करने के उसके फैसले को चुनौती देने वाली उपचारात्मक याचिका 11 दिसंबर को चैंबर में सुनने पर सहमत...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की सीबीआई के विशेष निदेशक के रूप में नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज करने के उसके फैसले को चुनौती देने वाली उपचारात्मक याचिका 11 दिसंबर को चैंबर में सुनने पर सहमत हुआ। अस्थाना और सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने के बाद केन्द्र ने उनसे शक्तियां वापस ले ली थीं और उन्हें 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया था।
शीर्ष अदालत केन्द्र के आदेश के खिलाफ वर्मा और एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है और उसने बृहस्पतिवार को इन पर अपना फैसला सुरक्षित रखा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर संज्ञान लिया।
उन्होंने उपचारात्मक याचिका का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की। पीठ ने कहा, ‘‘अगर आप अपनी उपचारात्मक याचिका का उल्लेख करेंगे। इसे मंगलवार को सूचीबद्ध किया गया है। यह अस्थाना के बारे में है ना। रहस्य बनाकर क्यों रख रहे हैं? नाम लीजिए।’’ शीर्ष अदालत ने अस्थाना की सीबीआई के विशेष निदेशक के पद पर नियुक्ति के खिलाफ एनजीओ की जनहित याचिका खारिज की थी। इसके बाद अदालत ने फैसले के पुर्निवचार की अनुरोध वाली याचिका भी खारिज की थी।