Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 12:05 PM
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों पर गर्व करने के नसीहत को बीजेपी के बाद अब आरएसएस ने भी गंभीरता से नहीं लिया है। ताजमहल पर एक बार फिर निशाना साधा गया है। अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े ऐतिहासिक विंग अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ऐतिहासिक धरोहरों पर गर्व करने के नसीहत को बीजेपी के बाद अब आरएसएस ने भी गंभीरता से नहीं लिया है। ताजमहल पर एक बार फिर निशाना साधा गया है। अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े ऐतिहासिक विंग अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सचिव बालमुकुंद पाण्डेय ने ताज महल परिसर में मुसलमानों के नमाज अदा करने पर रोक लगाने की मांग की है। अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति का कहना है कि ताज महल में नमाज अदा करने पर रोक नहीं लगती है तो हिंदुओं को वहां शिव पूजा करने की अनुमति मिलनी चाहिए। समिति का आरोप है कि इस मामले में भेदभाव नहीं करना चाहिए।
इंडिया टुडे के खबर के हवाले से डॉक्टर बालमुकुंद पांडे का कहना है, ताज महल एक राष्ट्रीय धरोहर है। ऐसे में ताज को मुस्लिमों के लिए धार्मिक स्थल के रूप में क्यों इस्तेमाल करने दिया जाए। ताज में नमाज अदा करने पर रोक लगनी चाहिए। आग में घी डालने का काम करते हुए डॉक्टर पांडे कहते हैं कि अगर नमाज को आगे भी जारी रखा जाता है, तो हिंदुओं को भी यहां शिव पूजा करने की इजाजत मिलनी चाहिए। बता दें कि हिंदू संगठन और भाजपा के कई नेता ताज महल को शिव मंदिर होने की भी बात कर रहे हैं। एक दिन पहले ही खुद यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने ताज का दौरा कर वहां सफाई अभियान चलाया था। बीजेपी विधायक संगीत सोम के बाद ताजमहल पर पूरे देश में बहस शुरू हो गई थी। जिसके बाद इस विवाद पर आजम खां, ओवैसी, योगी और मोदी भी ताजमहल के विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी।