केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- कोरोना वैक्सीन लेनी है या नहीं, यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर होगा

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Dec, 2020 04:33 PM

taking covid 19 vaccine will depend on the will of person health ministry

कोरोना वैक्सीन का भारत समेत पूरे दुनिया को बेसब्री से इंतजार है। मोदी सरकार का प्लान है कि देश के हर नागरिक को कोरोना वैक्सीन मिले। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि Covid-19 के टीके की खुराक लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा।...

नेशनल डेस्क: कोरोना वैक्सीन का भारत समेत पूरे दुनिया को बेसब्री से इंतजार है। मोदी सरकार का प्लान है कि देश के हर नागरिक को कोरोना वैक्सीन मिले। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि Covid-19 के टीके की खुराक लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा। मंत्रालय ने कहा कि जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, उन लोगों को कोरोना वायरस के टीके की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे बीमारी के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता तैयार होगी। मंत्रालय ने कहा कि दूसरी खुराक लेने के दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर तैयार होता है। 

 

मंत्रालय ने Covid-19 टीके से जुड़े कुछ सवालों-जवाबों की सूची तैयार की। इसमें कुछ सवालों को शामिल किया गया है जैसे-

  • क्या सबके लिए टीका लेना जरूरी है?
  • टीके से कितने दिनों में एंटीबॉडी तैयार होंगी?
  • क्या Covid-19 से उबर चुका व्यक्ति भी टीका ले सकता है आदि?

 

मंत्रालय ने कहा कि Covid-19 का टीका लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा। हालांकि टीके की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है। मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न टीके परीक्षण के अलग-अलग चरण में हैं। सरकार जल्द ही Covid-19 टीकाकरण शुरू करने के लिए तैयारी कर रही है। भारत में कोरोना के 6 टीकों का परीक्षण चल रहा है। इसमें ICMR के साथ तालमेल से भारत में बायोटेक द्वारा विकसित टीका, जायडस कैडिला, जेनोवा, ऑक्सफोर्ड के टीके पर परीक्षण चल रहा है। रूस के गमालेया राष्ट्रीय केंद्र के साथ तालमेल से हैदराबाद में डॉ रेड्डी लैब में स्पूतनिक वी (Sputnik V) के टीके और एमआईटी, अमेरिका के साथ तालमेल से हैदराबाद में बायोलोजिकल ई लिमिटेड द्वारा विकसित टीका भी शामिल हैं। कम अवधि में परीक्षण के बाद तैयार टीका क्या सुरक्षित होगा और क्या इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इस पर मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा और कारगर होने के आधार पर नियामक संस्थानों की मंजूरी के बाद टीके की पेशकश की जाएगी।

 

मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षित टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों को टीके के विपरीत असर की स्थिति से निपटने के लिए भी इंतजाम करने को कहा गया है। मंत्रालय ने कहा कि 28 दिन के अंतराल पर टीके की दो खुराक लेने की आवश्यकता होगी। कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन आदि से जूझ रहे मरीज भी कोविड-19 के टीके की खुराक ले सकते हैं। आरंभिक चरण में कोविड-19 के टीके स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दिए जाएंगे। टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से ज्यादा उम्र वालों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है। जिन लोगों का टीकाकरण होगा उनको उसके समय और दिन के बारे में मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीकाकरण के लिए क्यों चुना गया है इस पर मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दे रही है कि उन्हें सबसे पहले टीके की खुराक मिले। टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे।

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