काबुल में भारतीय दूतावास खुलने से खुश तालिबान; बोला-अधूरे प्रोजक्ट पूरे करेंगे, पूरी सुरक्षा देंगे

Edited By Tanuja,Updated: 14 Aug, 2022 11:53 AM

taliban dispensation assures security to indian mission in kabul

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास खुलने से तालिबान बहुत खुश है। तालिबानी विदेश मंत्रालय ने भारत के इस कदम का तहे दिल से...

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास खुलने से तालिबान बहुत खुश है। तालिबानी विदेश मंत्रालय ने भारत के इस कदम का तहे दिल से स्वागत  किया और  प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खि ने अफगानिस्तान में राजनयिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए भारत की जमकर तारीफ की। हालांकि, अभी तक यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि काबुल में भारतीय दूतावास पूरी क्षमता के साथ खुला है या नहीं।

 

तालिबानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खि ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि इस्लामिक अमीरात काबुल मे राजनयिक प्रतिनिधित्व को अपग्रेड करने के भारत के कदम का स्वागत करता है। उन्होंने भारत को आश्वस्त करते हुए कहा कि हम भारतीय दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा राजनयिकों के अधिकारों पर पूरा ध्यान देंगे और प्रयासों में अच्छा सहयोग करेंगे। बल्खि ने यह भी कहा कि अफगान सरकार को उम्मीद है कि राजनयिक प्रतिनिधित्व को अपग्रेड करने और राजनयिकों को भेजने से अफगान-भारत संबंध मजबूत होंगे जिससे भारत की अधूरी परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा नई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत होगी।

 

भारत ने अगस्त 2021 को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था। जिसके बाद 23 जून 2022 को भारतीय अधिकारियों की एक छोटी टीम को काबुल में दूतावास की जांच करने के लिए भेजा गया था। उसके बाद से ही अफगानिस्तान में भारतीय अधिकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारतीय दूतावास को खोलने के बावजूद अभी तक वीजा सेक्शन को बंद रखा गया है। सिर्फ ई-वीजा मार्ग के माध्यम से अफगानिस्तान के नागरिकों को सीमित संख्या के वीजा जारी किए गए हैं, जिससे सैकड़ों छात्र और भारत में इलाज की आशा लिए हुए मरीज काफी निराश हैं। अफगान नागरिकों के भारत आने के लिए अफगानिस्तान की एरियाना एयरलाइंस जल्द ही काबुल से दिल्ली के बीच फ्लाइट सर्विस शुरू करने वाली है।

 

कामा एयर पहले ही भारत-अफगानिस्तान के बीच एयर सर्विस उपलब्ध करवा रही है, लेकिन फ्लाइट सीमित रहने और वीजा जारी न होने के कारण यात्रियों की संख्या में काफी कमी देखी गई है। पिछले साल अफगानिस्तान से भारतीय राजनयिकों की वापसी के बाद तालिबान ने भारतीय दूतावास और मिशन की सुरक्षा की थी। जब जून में भारत की तकनीकी टीम पहुंची तो उसे दूतावास में हर चीज व्यवस्थित मिली। तालिबान ने दूतावास में रखे गे गोला-बारूद, बुलेटप्रूफ जैकेट और निगरानी उपकरणों को हाथ भी नहीं लगाया था। हालांकि, सभी स्टोरेज रूम और कंटेनरों के ताले जरूर टूटे हुए थे। ऐसे में तालिबान लड़ाकों ने दूतावास की जांच जरूर की थी, लेकिन उन्होंने किसी सामान को हाथ नहीं लगाया था।


 

वर्तमान में भारतीय दूतावास में 60 से 70 अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें पांच से सात अधिकारी शामिल हैं, जिनमें एक डायरेक्टर स्तर का IFS अधिकारी मिशन के उप प्रमुख के रूप में कार्य कर रहा है। भारतीय दूतावास की सुरक्षा में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की एक बड़ी टुकड़ी भी तैनात है। भारतीय दूतावास में अभी पूरी क्षमता का लगभग एक तिहाई लोग ही काम कर रहे हैं। हालाकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी कह चुके हैं कि भारत जल्द ही अफगानिस्तान में अपने अधिकारियों और राजनयिकों की तादाद बढ़ाने वाला है।

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