PM मोदी को थरूर की चिट्ठी: मन की बात कहीं मौन की बात न बन जाए

Edited By shukdev,Updated: 08 Oct, 2019 08:02 PM

tharoor s letter to pm modi mind should not become a matter of silence

‘भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या'' के बढ़ते मामलों पर चिंता जताने वाली 49 जानी-मानी हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘कड़ा विरोध'' दर्ज कराया है। थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री की...

तिरूवनंतपुरम: ‘भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या' के बढ़ते मामलों पर चिंता जताने वाली 49 जानी-मानी हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘कड़ा विरोध' दर्ज कराया है। थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री की आलोचना करने वालों को ‘राष्ट्र विरोधी' नहीं समझना चाहिए। थरूर ने मोदी से अनुरोध किया कि उन्हें सार्वजनिक रुख अपनाकर असहमति को स्वीकार करना चाहिए और राष्ट्र को ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन देना चाहिए, भले ही इसमें आपकी या आपकी सरकार से असहमति क्यों न शामिल हो।'

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर ब्रिटिश राज में लोगों ने असहमति जताने की हिम्मत नहीं दिखाई होती तो स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर भारत का इतिहास कुछ और होता। थरूर ने पत्र में कहा,‘ देश में मॉब लिचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) की बढ़ती घटनाओं को लेकर 23 जुलाई 2019 को आपको पत्र लिखने वाले चिंतित भारतीयों के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में प्राथमिकी दर्ज किए जाने से हम बेहद चिंतित हैं।' उन्होंने कहा,‘ हम प्राथमिकी के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहेंगे।'

थरूर ने कहा,‘ मॉब लिचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या) चाहे घृणित सांप्रदायिकता की वजह से हो या बच्चों का अपहरण करने की अफवाह के कारण, ऐसी बीमारी बन गई है जो बहुत तेजी से बढ़ रही है और इन नागरिकों ने इसे आपके संज्ञान में लाकर सही किया है।' यह रेखांकित करते हुए कि लोकतंत्र बिना मतभेद के नहीं चल सकता है, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का निर्माण विविध सह-अस्तित्व और विचारों तथा विचारधाओं पर अलग मत रखने के आधार पर हुआ है। उन्होंने कहा,‘ यही भारत को कामयाब और जीवंत लोकतंत्र बनाता है।'

थरूर ने कहा,‘ भारत के नागरिक के तौर पर, हम उम्मीद करते हैं कि हम में से हर कोई बिना किसी डर के राष्ट्र महत्व के मुद्दों को आपके संज्ञान में ला सकता है ताकि आप उनका हल करने के लिए कदम उठा सकें। हम यह भरोसा करना चाहेंगे कि आप खुद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करेंगे ताकि भारत के नागरिकों की ‘मन की बात', ‘मौन की बात' में तब्दील नहीं हो जाए।' लोकसभा सदस्य ने रेखांकित किया कि मोदी ने 2016 में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी सरकार के लिए ‘पवित्र किताब'संविधान है। 

थरूर ने कहा,‘आपकी सरकार के कुछ काम आपके बयान के उलट हैं। क्या इसका मतलब यह है कि आपने इन मौलिक मुद्दों पर अपनी राय को बदल लिया है?' गौरतलब है कि ‘मॉब लिंचिंग' की बढ़ती घटनाओं पर अपनी चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाली 49 जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ मुजफ्फरपुर में तीन अक्टूबर को एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इन लोगों में रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम, अदूर गोपालकृष्णन, अपर्णा सेन शामिल हैं। 

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