Edited By shukdev,Updated: 26 Sep, 2018 11:40 PM
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उसने नौ न्यायाधीशों द्वारा निर्धारित मानदंडों पर परखने के बाद आधार योजना को वैध ठहराया। नौ न्यायाधीशों की पीठ ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया था। नौ न्यायाधीशों की पीठ ने तीन कसौटियां निर्धारित की थी जिसे...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उसने नौ न्यायाधीशों द्वारा निर्धारित मानदंडों पर परखने के बाद आधार योजना को वैध ठहराया। नौ न्यायाधीशों की पीठ ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया था। नौ न्यायाधीशों की पीठ ने तीन कसौटियां निर्धारित की थी जिसे किसी कानून की वैधता के लिए निजता के हनन की स्वीकृत सीमा पर फैसला करने के लिए पूरा करने की आवश्यकता होती है।
उसने कहा था कि निजता का एक स्वीकृत सीमा तक हनन किया जा सकता है अगर कल्याणकारी कदम कानून से समर्थित हों और ‘राज्य का वैध हित हो।’ न्यायालय ने कहा था कि इसे ‘आनुपातिकता की कसौटी’ पर खरा उतरना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आधार कानून की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि यह निजता मामले में सुनाए गए फैसले की तीन कसौटियों पर खरा उतरता है।