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'ताबूत मत खोलना...' संदेश के साथ पहुंच रहे मृतकों के शव, अपनों की दर्दनाक वापिसी देख मातम में डूबे परिवार

Edited By Radhika,Updated: 16 Jun, 2025 05:11 PM

the bodies of the dead are arriving with the message  do not open the coffin

12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट 171), टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई थी। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे और अब तक इस हादसे में 274 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

नेशनल डेस्क: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट 171), टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई थी। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे और अब तक इस हादसे में 274 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस त्रासदी में एकमात्र जीवित व्यक्ति ब्रिटिश नागरिक विश्वेश कुमार रमेश थे, जो विमान की सीट नंबर 11A पर बैठे थे।

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डीएनए मिलान से हो रही शवों की पहचान

हादसे में मारे गए लोगों के शवों की पहचान के लिए तीन FSL की टीमों को लगाया गया है। ये टीमें पीड़ितों की हड्डियों और दांतों के सैंपल्स का उनके परिजनों के खून के नमूनों से डीएनए मिलान कर रही हैं। अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाए गए शवों में से 92 नमूनों का डीएनए मिलान पूरा हो चुका है। ये 92 नमूने 87 व्यक्तियों के हैं क्योंकि कुछ मामलों में एक ही व्यक्ति के एक से अधिक शरीर के हिस्से मिले हैं।

अब तक 47 शव अहमदाबाद, खेड़ा, कोटा, मेहसाणा, भरूच, वडोदरा, अरावली, आणंद, जूनागढ़, भावनगर, अमरेली और माहिसागर जैसे विभिन्न जिलों में भेजे जा चुके हैं। रविवार को कुछ पीड़ितों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। राजस्थान के उदयपुर निवासी मोदी परिवार ने अपने दो बच्चों, 24 वर्षीय शुभ और 23 वर्षीय शगुन, का अंतिम संस्कार अहमदाबाद के थलतेज श्मशान घाट में किया। वे लंदन घूमने जा रहे थे। इसी तरह, चांदखेड़ा में रोज़ार क्रिश्चियन और रचना क्रिश्चियन का भी अंतिम संस्कार चर्च की प्रार्थना सभा के बाद कब्रिस्तान में किया गया। ये दोनों इंग्लैंड में बसने की योजना बना रहे थे।

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मेहता परिवार में अब सिर्फ सबसे छोटी सदस्य ऋतु मेहता ही बची हैं क्योंकि उनके माता-पिता सुनील और वर्षा मेहता और बहन मेघा की मौत हो चुकी है। रविवार को सिर्फ मेघा की पहचान हो पाई और उसका अंतिम संस्कार हुआ।

परिजनों में गुस्सा और 'ताबूत मत खोलना' का दर्दनाक संदेश

कई परिवारों ने शवों की पहचान में हो रही देरी और एयरलाइन की लापरवाही पर गहरा असंतोष जताया है। अहमदाबाद में इंतजार कर रहे इम्तियाज़ अली ने दर्द बयां करते हुए कहा, "72 घंटे से ज़्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक किसी की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली। मेरे भाई जावेद, उनकी पत्नी और दो बच्चों की मौत हो चुकी है। हम सिर्फ इंतजार कर रहे हैं।"

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राज्य सरकार की ओर से शव सौंपते वक्त डेथ सर्टिफिकेट, पुलिस जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट और शव से मिली ज्वेलरी व अन्य सामान परिजनों को दिए जा रहे हैं। शोक में डूबे परिवारों को पार्थिव शरीर के साथ एक विशेष संदेश भी दिया जा रहा है: 'ताबूत मत खोलना...' विशेषज्ञों का मानना है कि यह सलाह इसलिए दी जा रही है क्योंकि विमान दुर्घटना इतनी भीषण थी कि शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए हैं। जो हुआ, उससे भी ज़्यादा दर्दनाक है वो जो अब देखा नहीं जा सकता, और शायद यही वजह है कि परिजनों को इस असहनीय सच्चाई से बचाने की कोशिश की जा रही है।

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