Edited By Yaspal,Updated: 05 Mar, 2019 07:24 PM
देश के भविष्य के लिए अहम 17वीं लोकसभा के चुनाव कार्यक्रम को लेकर अब सबकी नजरें चुनाव आयोग पर लगी हैं क्योंकि पिछले आम चुनाव की घोषणा पांच मार्च को हो गयी थी। पिछले आम चुनाव के कार्यक्रम को देखते हुये यह उम्मीद की...
नई दिल्लीः देश के भविष्य के लिए अहम 17वीं लोकसभा के चुनाव कार्यक्रम को लेकर अब सबकी नजरें चुनाव आयोग पर लगी हैं क्योंकि पिछले आम चुनाव की घोषणा पांच मार्च को हो गयी थी। पिछले आम चुनाव के कार्यक्रम को देखते हुये यह उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग अब किसी भी दिन अगले लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा पहले ही कह चुके हैं कि चुनाव समय पर कराये जायेंगे। उन्होंने यह बात पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़े तनाव के मद्देनजर कही थी। आयोग की टीम दो दिन के जम्मू कश्मीर के दौरे से मंगलवार की रात को दिल्ली लौटेगी और उसके बाद किसी भी दिन चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है जिसका न केवल राजनीतिक दलों को बल्कि आम लोगों को भी बेसब्री से इंतजार है।
कांग्रेस ने अब तक चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं होने को लेकर आयोग पर निशाना साधा है। पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने कहा है कि आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सरकारी खर्च पर प्रचार करने का अवसर दे रहा है। वह मोदी के ‘सरकारी’ यात्रा कार्यक्रम के समाप्त होने का इंतजार कर रहा है।
लोकसभा के पिछले चुनाव सात अप्रैल से 12 मई तक नौ चरणों में कराये गये थे तथा मतगणना 16 मई को हुयी थी। इस चुनाव में पहले चरण के मतदान की अधिसूचना 14 मार्च को जारी हुयी थी। मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार 26 मई को सत्तारूढ़ हुयी थी। पिछली बार उत्तर प्रदेश और बिहार में छह चरणों में मतदान कराया गया था जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू कश्मीर में पांच चरणों में चुनाव हुआ था।