स्वतंत्रता संग्राम के महानायक हमारे प्रेरणास्रोत - रणजीत सिंह

Edited By Archna Sethi,Updated: 14 Jul, 2022 07:22 PM

the great hero of freedom struggle is our inspiration  ranjit singh

आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा व जिला प्रशासन द्वारा सिरसा के चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में "1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम " नाटक का मंचन हुआ। नाटक मंचन का शुभारंभ हरियाणा के...

चण्डीगढ, 14 जुलाई-(अर्चना सेठी) आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा व जिला प्रशासन द्वारा सिरसा के चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में "1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम " नाटक का मंचन हुआ। नाटक मंचन का शुभारंभ हरियाणा के बिजली, अक्षय ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।

        इस नाटक मंचन के दौरान डेढ़ दर्जन प्रसिद्ध कलाकारों ने लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से अपने दमदार अभिनय से वीर शहीदों की गौरव गाथा को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। बिजली मंत्री ने नाटक कलाकारों को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की।

        नाटक मंचन का शुभारंभ करते हुए बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में हरियाणा सरकार द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के वीर बलिदानियों व असंख्य गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि देने व युवा पीढ़ी को अपने इतिहास से रूबरू कराने के लिए प्रदर्शनी, नाटक व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा रहा है। आजादी के लिए 1857 के संग्राम की पहली चिंगारी भी हरियाणा के अंबाला से फूटी थी।

        उन्होंने कहा कि राव तुलाराम, झज्जर के नवाब अब्दुर्रहमान खां, राजा नाहर सिंह सहित हरियाणा के अनेक सेनानियों ने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी तथा यह चिंगारी गांव-गांव तक फैल गई। उन सेनानियों को नमन करने के लिए इस नाटक का मंचन कराया जाना सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा तथा जिला प्रशासन की एक सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणादायक है और इस प्रकार के आयोजन निश्चित तौर पर युवा शक्ति को सकारात्मक संदेश देते हैं।

        बिजली मंत्री ने कहा कि राव तुलाराम ने देश के लिए लड़े गए 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था, जिसके लिए 23 सितम्बर का दिन वीर शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे नाटकों की प्रस्तुति से ही युवा पीढ़ी को देश की आजादी के संग्राम के बारे में जानकारी मिलती है।

 नाटक देख दर्शक हुए भावुक एवं भाव विभोर

        सीडीएलयू के आडिटोरियम में 1857 का संग्राम-हरियाणा के वीरों के नाम नाटक मंचन देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। इस नाटक ने उपस्थित दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि देश के वीर बलिदानियों ने देश को आजाद कराने लिए कितने असहनीय कष्ट, दुख-तकलीफें व पीड़ाएं सहन की, जिनकी कुर्बानियों की बदौलत आज हम आजादी की खुली हवा में चैन व सुख की सांस ले रहे हैं।

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