Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Feb, 2020 04:44 PM
सड़क पर बेवजह हॉर्न बजाने वालों पर लगाम कसने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने अनोखी पहल की है। दरअसल कुछ गाड़ी वाले सिग्नल रेड होने के बावजूद भी हॉर्न बजाते रहते हैं जिससे Noise pollution होता है। बेवजह हार्न बजाने वालों पर लगाम लगाने के लिए मुंबई में...
मुुंबई: सड़क पर बेवजह हॉर्न बजाने वालों पर लगाम कसने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने अनोखी पहल की है। दरअसल कुछ गाड़ी वाले सिग्नल रेड होने के बावजूद भी हॉर्न बजाते रहते हैं जिससे Noise pollution होता है। बेवजह हार्न बजाने वालों पर लगाम लगाने के लिए मुंबई में ट्रैफिक सिग्नल पर डेसिबल मीटर लगाए गए हैं जहां पर ज्यादा ट्रैफिक रहता है। मुंबई पुलिस ने इस कैंपेन को पनिशिंग सिग्नल नाम दिया है। ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) मधुकर पांडेय ने बताया कि डेसिबल मॉनिटर ट्रैफिक सिग्नल से जुड़े हुए हैं और ज्यादा हॉर्न बजाने से जैसे ही डेसिबल लेवल 85 के खतरनाक स्तर पर पहुंचेगा सिग्नल का टाइम दोबारा रिसेट हो जाएगा जिससे लोगों को सिग्नल पर दोगुना इंतजार करना पड़ेगा।
बता दें कि दुनिया के सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों में मुंबई का नाम भी शामिल है। मुंबई में सबसे ज्यादा शोर ट्रैफिक सिग्नल के चलते ही होता है और लोग यहां पर बार-बार रेड सिग्नल होने के बाद भी हॉर्न मारते रहते हैं। ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर बताया कि एफसीबी इंटरफेस के साथ मिलकर हमने यह पहल की है जिससे बेवजह हॉर्न बजाने की समस्या पर कुछ हद तक काबू किया जा सके। मुंबई पुलिस ने इस पहल को लेकर एक वीडियो भी शेयर किया है जो काफी वायरल हो रहा है।
वीडियो की शुरुआत में कहा जाता है कि दुनिया की हॉन्किंग कैपिटल में आपका स्वागत है। यहां लोग तब भी हॉर्न बजाते हैं जब सिग्नल रेड रहता है, उनको लगता है कि हॉर्न बजाने से सिग्नल ग्रीन हो जाएगा। वीडियो में कहा गया है कि हॉर्न बजाने से कोई फायदा नहीं है। ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) कहा कि बेवजह हॉर्न बजाना न सिर्फ एक बुरी आदत है बल्कि यह ट्रैफिक के नियमों के भी खिलाफ है। इससे स्वास्थ्य संबंधी बहुत-सी परेशानियां होती हैं।