वेदों से मिले विज्ञान के सिद्धांत, पश्चिमी देशों ने सिर्फ इन्हें अपनी खोज बताया, ISRO चीफ का दावा

Edited By Yaspal,Updated: 25 May, 2023 10:34 PM

the principles of science found in the vedas claims isro chief

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि भारत वैदिक काल से ही एक ज्ञानी समाज था जिसमें संस्कृति की भूमिका रही है

नेशनल डेस्कः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि भारत वैदिक काल से ही एक ज्ञानी समाज था जिसमें संस्कृति की भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि गणित, चिकित्सा, तत्व विज्ञान, खगोल विज्ञान आदि विषय शामिल थे जो संस्कृत में लिखे गए थे। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी शिक्षाएं देश में कई हजार साल बाद "पश्चिमी वैज्ञानिकों द्वारा की गई खोजों" के रूप में वापस आईं।

सोमनाथ ने बुधवार को यहां महर्षि पाणिनि संस्कृत और वैदिक विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है जिसमें कविता, तर्क, व्याकरण, दर्शन, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित और अन्य संबद्ध विषय शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ सूर्य सिद्धांत सबसे पहली किताब है जो मैंने संस्कृत में देखी। यह उस विषय के बारे में है जिससे मैं परिचित हूं। यह किताब विशेष तौर पर सौर प्रणाली के बारे में है, कैसे ग्रह सूर्य के चारों और घूमते हैं, इसकी गति की अवधि, घटनाओं से संबंधित समय आदि।''

सोमनाथ ने कहा कि यह सारा ज्ञान यहां से चला, अरब पहुंचा, फिर यूरोप गया और हजारों साल बाद महान पश्चिम वैज्ञानिक खोज के रुप में हमारे पास वापस आया। हालांकि, यह सारा ज्ञान यहां संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इसरो प्रमुख ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काम करने वालों को संस्कृत से प्यार है और यह देखने के लिए बहुत सारे शोध चल रहे हैं कि कंप्यूटिंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण के लिए इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है।

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