महुआ मोइत्रा को टक्कर देंगी शाही परिवार की राजमाता, क्या साबित होंगे BJP का 'हुकुम का इक्का' ?

Edited By Mahima,Updated: 25 Mar, 2024 03:00 PM

the queen mother of the royal family will give competition to mahua moitra

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट को जारी करते हुए 111 उम्मीदवारों के नामों की घोशना कर दी है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की तरफ से कृष्णानगर सीट से राजमाता अमृता रॉय को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो अब...

नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट को जारी करते हुए 111 उम्मीदवारों के नामों की घोशना कर दी है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की तरफ से कृष्णानगर सीट से राजमाता अमृता रॉय को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो अब टीएमसी की महुआ मोइत्रा को टक्कर देने वाली हैं। कृष्णानगर की सीट को पश्चिम बंगाल की अहम सीटों में से एक माना जाता है। बीजेपी के इस फैसले के बाद अब इसे महुआ मोइत्रा के खिलाफ हुकम का इक्का माना जा रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लोकसभा चुनाव में इस बार महाराजा कृष्णचंद्र का नाम सीधे तौर पर राजनीति से जुड़ रहा है। अमृता रॉय, कृष्णानगर के प्रतिष्ठित राजबाड़ी की राजमाता भी हैं। उनकी संभावित उम्मीदवारी को लेकर पिछले कुछ दिनों से अटकलें चल रही हैं।

क्या बीजेपी को मिलेगा फायदा?
बता दें कि अमृता रॉय ने 20 मार्च को बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया था। उन्होंने बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता हासिल की थी। कृष्णानगर राजपरिवार की भूमिका आज भी याद की जाती है। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि अमृता रॉय की उम्मीदवारी से बीजेपी को बढ़ावा मिलेगा और वह महुआ मोइत्रा को भी टक्कर दे सकेंगी। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक जिला नेतृत्व ने सबसे पहले अमृता को उम्मीदवार बनाने में दिलचस्पी दिखाई और फिर पार्टी ने उनसे बातचीत शुरू की। बताया गया कि कई दौर की बातचीत के बाद अमृता कैंडिडेट बनने के लिए तैयार हो गईं।

पिछले चुनाव में महुआ मोइत्रा की बड़ी जीत
टीएमसी लीडर महुआ मोइत्रा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 614872 वोटों से कृष्णानगर सीट से जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी के कल्याण चौबे को कुल 551654 वोट मिले थे। महुआ मोइत्रा ने 63218 के भारी अंतर से जीत को अपने नाम किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में महुआ की जीत के पीछे की वजह चोपड़ा, पलाशीपारा और कालीगंज विधानसभाएं थीं। इन तीनों विधानसभाओं से महुआ को भारी वोट मिले। पिछले पांच सालों में कालीगंज विधानसभा में बीजेपी का संगठन काफी मजबूत हुआ है।

इसके अलावा बीजेपी इस तथ्य पर भी विचार कर रही है कि पिछले कुछ महीनों में उस इलाके में टीएमसी की संगठनात्मक ताकत कमजोर हुई है। इन चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप और सत्तारूढ़ दल में झगड़े टीएमसी के लिए चुनावी नजरिए से मुश्किल बनकर सामने आ सकते हैं। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, वोटों का अंतर बढ़ाने के लिए 'रानीमा' जैसे स्थानीय, प्रभावशाली और परिचित चेहरे को मैदान में उतारने के बारे में सोचा जा रहा है। ऐसे में अमृता रॉय के नामांकन से बीजेपी को ताकत हासिल करने में मदद मिलेगी।

राजा कृष्ण चंद्र देव और कृष्णानगर रॉयल पैलेस की विरासत
राजा कृष्ण चंद्र देव भारतीय इतिहास में, खासतौर से बंगाल में काफी मशहूर हैं, जो 18वीं शताब्दी के दौरान अपने दूरदर्शी शासन के लिए जाने जाते हैं। प्रशासनिक सुधारों, कला को बढ़ावा देने और बंगाली संस्कृति में गौरवशीलता की वजह से उनकी विरासत आज भी बंगाल में संजोकर रखी गई है, जो उनके शासन की खासियत थी।

एक रॉयल फैमिली में जन्मे कृष्ण चंद्र को छोटी उम्र में ही नादिया जिले की राजगद्दी विरासत में मिली। वह एक ज्ञानी शासक थे, जिनका शासन काल दूरदर्शिता, राजनीति कौशल और व्यावहारिक नीतियों के लिए पहचाना गया। उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक सुधारों में अहम तरक्की की, जिसने उनके राज्य के विकास में बहुत योगदान दिया और समाज और भविष्य के शासकों पर एक अच्छा प्रभाव छोड़ा।

कृष्णानगर के महल के रूप में जाने जाने वाले कृष्णानगर राजबाड़ी भारत के पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में वास्तुकला की भव्यता और सांस्कृतिक विरासत की पहचान है। यह कभी नादिया के महाराजाओं का शाही निवास था और आज भी। सदियों पुरानी कलाकृतियों से लेकर शाही विरासत की झलक तक, कृष्णानगर राजबाड़ी की विरासत बेहद ही शानदार है।

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