Edited By rajesh kumar,Updated: 29 May, 2021 03:26 PM
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एक जैविक उत्पाद होने के कारण टीके को तैयार करने और गुणवत्ता जांच में समय लगता है और सुरक्षित उत्पाद सुनिश्चित करने के चलते यह रातोंरात नहीं किया जा सकता है।
नेशनल डेस्क: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एक जैविक उत्पाद होने के कारण टीके को तैयार करने और गुणवत्ता जांच में समय लगता है और सुरक्षित उत्पाद सुनिश्चित करने के चलते यह रातोंरात नहीं किया जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार, कोविड-19 के लिए टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के माध्यम से देश में टीके उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रही है जिसमें फाइजर, मॉडर्ना जैसे निर्माता शामिल हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ठोस कार्रवाई इस बात का मजबूत संकेत है कि भारत सरकार देश में टीके का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ विदेशी टीका निर्माताओं को राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए आवश्यक टीके की खुराक की आपूर्ति के लिए आकर्षित करने के वास्ते हर संभव प्रयास कर रही है।’’
130 दिनों में 20 करोड़ लोगों का टीकाकरण
मंत्रालय ने कहा कि उपलब्धता की बाधाओं के बावजूद, भारत ने केवल 130 दिनों में 20 करोड़ लोगों का टीकाकरण करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है, जो दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी कवरेज है।