युवाओं की नस्लकुशी करने वालों पर नहीं कोई रहम

Edited By Updated: 15 Jul, 2025 09:16 PM

there is no mercy on those who massacre the youth

युवाओं की नस्लकुशी करने वालों पर नहीं कोई रहम


चंडीगढ़, 15 जुलाई:(अर्चना सेठी) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज स्पष्ट किया कि राज्य सरकार नशे का कहर बरपाकर युवाओं की बर्बादी के लिए जिम्मेदार 'जनरलों' के प्रति कोई नरमी नहीं बरतेगी। विधानसभा में "युद्ध नशों  विरुद्ध" मुहिम पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के कारोबार को सरंक्षण देने वाले कई प्रभावशाली नेता पहले ही जेल में डाले जा चुके हैं। उन्होंने खुलासा किया कि इन नेताओं पर आरोप है कि वे सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल नशा सप्लाई के लिए करते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले किसी ने भी इन रसूखदारों को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखाई, परंतु उनकी सरकार ने ऐसा कर दिखाया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन अपराधियों को ऐसी मिसाल-योग्य सजा दी जाएगी, जिससे भविष्य में कोई भी ऐसा जघन्य अपराध करने की हिम्मत न करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नाभा जेल को "चिट्टे वालों की जेल" कहा जाने लगा है, क्योंकि जो लोग पहले नशे के नेटवर्क को चला रहे थे, वे अब जेल में सड़ रहे हैं और वहीं से सुविधाएं मांग रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन लोगों ने युवाओं के घरों में दुख का माहौल पैदा किया, वे अब किसी भी आराम के अधिकारी नहीं हैं। उन्होंने अपराध के माध्यम से कमाई गई दौलत के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सज़ा की बात करते हुए कहा कि इन अपराधियों की संपत्तियों को जब्त कर नष्ट किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेता बिक्रम मजीठिया पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपने पूर्वजों की "शक की विरासत" को आगे बढ़ाते हुए पंजाब और इसके लोगों के पीठ में छुरा घोंपा। उन्होंने 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि मजीठिया के पूर्वजों ने जनरल डायर के लिए रात का भोज आयोजित कर इतिहास को कलंकित किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती अकाली नेताओं ने सत्ता में रहते हुए नशे के व्यापार को सरंक्षण दिया, जिससे लाखों युवाओं की ज़िंदगी तबाह हो गई।

उन्होंने कहा कि जबकि अन्य राज्यों में नशे की स्थिति कहीं अधिक भयावह है, फिर भी पंजाब को योजनाबद्ध तरीके से बदनाम किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विपक्षी ताकतों ने मेहनती पंजाबियों को नशेड़ी बताकर एक दुष्प्रचार अभियान चलाया।मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब में एक पैसा भी नशा उत्पादित नहीं होता, फिर भी इसे बदनाम किया जाता है। उन्होंने बताया कि गुजरात और राजस्थान से भारी मात्रा में पकड़े गए नशे इसी का प्रमाण हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि "युद्ध नशों विरुद्ध" मुहिम ने नशा कारोबार की कमर तोड़ दी है। सरकार को इस रणनीति को पूरी तरह लागू करने में दो साल से अधिक समय लगा, लेकिन अब नशे की सप्लाई चेन तोड़ दी गई है, बड़े अपराधी सलाखों के पीछे हैं, पीड़ितों का पुनर्वास हो रहा है, और तस्करों की संपत्तियाँ जब्त की जा रही हैं।उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि कुछ नशे के आदी लोग हाथियों को बेहोश करने वाली दवाएं प्रयोग कर रहे थे, जो स्थिति की भयावहता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता इन अपराधियों को बचाने में पूरी ताकत झोंक रहे थे। लेकिन उनकी सरकार इन अपराधों में शामिल किसी को भी नहीं बख्शेगी।मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दोहराया कि राज्य सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य युवाओं को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाना है।

उन्होंने कहा कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ एक प्रगतिशील और समृद्ध पंजाब का निर्माण समय की मांग है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार रंगला पंजाब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और पिछली सरकारों के दागदार दौर से उबरकर राज्य तेज़ी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि भले ही पूर्व सरकारों ने पंजाब को बदनाम करने की भरसक कोशिश की हो, लेकिन उनकी सरकार पंजाब को रंगला, प्रगतिशील और समृद्ध राज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

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