Edited By Tanuja,Updated: 20 Dec, 2025 06:03 PM

ईरान-अफगानिस्तान सीमा पर अवैध रूप से प्रवेश की कोशिश कर रहे दर्जनों अफगान शरणार्थियों की भीषण ठंड से मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक 40 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। भारी बर्फबारी और तस्करी मार्गों ने हालात और घातक बना दिए।
International Desk: ईरान-अफगानिस्तान सीमा पर सर्दी अफगान शरणार्थियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। पश्चिमी अफगानिस्तान से ईरान में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे दर्जनों अफगान प्रवासियों की भीषण ठंड में मौत हो गई है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स ने इस मानवीय त्रासदी की पुष्टि की है। अग्रणी समाचार नेटवर्क ‘ईरान इंटरनेशनल’ के अनुसार, हाल के दिनों में करीब 40 अफगान शरणार्थियों की मौत ईरान की सीमा के भीतर हो चुकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मरने वालों में से कम से कम 15 शव अफगानिस्तान के कोहसान और अद्रास्कन जिलों में लाए गए हैं।
‘अफगानिस्तान इंटरनेशनल’ से बात करते हुए एक अफगान प्रवासी ने बताया कि उसने ईरान के तैयबाद अस्पताल और अफगान कब्रिस्तानों के मुर्दाघरों में शव देखे। उसके मुताबिक, मरने वालों की संख्या 40 से कहीं अधिक हो सकती है। कई परिवार अब भी लापता रिश्तेदारों की तलाश में सीमा और अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। इस बीच अफगानिस्तान की खामा प्रेस एजेंसी ने हेरात प्रांत के तालिबान गवर्नर के प्रवक्ता के हवाले से पुष्टि की कि कम से कम तीन अफगान नागरिक काहसान सीमा क्षेत्र के पास ठंड से मारे गए। हालांकि स्थानीय लोगों और सामुदायिक सूत्रों का दावा है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाल के हफ्तों में सैकड़ों अफगान नागरिक बेहतर जीवन की तलाश में इस्लाम क़िला और तैयबाद के पास तस्करी के रास्तों से ईरान में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं। भारी बर्फबारी, जमा देने वाली ठंड, फ्रीजिंग बारिश और पहाड़ी इलाकों ने इस सफर को मौत की यात्रा में बदल दिया है।इसी बीच Amu TV की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के दक्षिण-पूर्वी शहर जाहेदान में पुलिस ने बीते एक हफ्ते में 437 अवैध अफगान प्रवासियों को गिरफ्तार किया है।
ईरानी पुलिस इन्हें “अनधिकृत विदेशी नागरिक” बताती है। जाहेदान के पुलिस कमांडर हामिद नूरी ने बताया कि इसी अभियान में सैकड़ों संदिग्ध अपराधियों और नशा तस्करों को भी पकड़ा गया।कानूनी प्रवासन के रास्ते सीमित होने, बेरोजगारी और गरीबी के चलते अफगान नागरिक जान जोखिम में डालकर सीमा पार करने को मजबूर हैं। लेकिन सर्दी, सख्त सुरक्षा और तस्करी मार्गों ने इस कोशिश को मानवीय आपदा में बदल दिया है।