Edited By Radhika,Updated: 13 Apr, 2024 04:08 PM
भारत और बांग्लादेश के बीच 50 साल बाद जमीन की अदला- बदली हुई है। बांग्लादेश के लोगों ने इसे ईद का तोहफा बताया है। भारत ने बांग्लादेश को सीमावर्ती ठाकुरगांव के रानीशंकोई उपज़िला की 56.86 एकड़ जमीन सौंपी 'है।
नेशनल डेस्क: भारत और बांग्लादेश के बीच 50 साल बाद जमीन की अदला- बदली हुई है। बांग्लादेश के लोगों ने इसे ईद का तोहफा बताया है। भारत ने बांग्लादेश को सीमावर्ती ठाकुरगांव के रानीशंकोई उपज़िला की 56.86 एकड़ जमीन सौंपी 'है। इसके जवाब में भारत को भी बांग्लादेश से 14.68 एकड़ जमीन हासिल हुई है।
भारत की ओर से बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और बांग्लादेश की ओर से बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) के बीच फ्लैग मीटिंग में जमीनों की अदला बदली हुई। भारत और बांग्लादेश के बीच 1974 में जमीनों की अदला-बदली का समझौता हुआ था लेकिन रानीशंकोई को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। 2015 में नए समझौते के बाद इस दिशा में तेजी आई।
बांग्लादेश के आठ अन्य जिलों में सर्वे से भूमि का बंटवारा होगा
सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश के आठ अन्य जिलों में भूमि के बंटवारे के लिए सर्वे प्रस्तावित है। इससे दोनों देशों के बीच भूमि का बंटवारा हो सकेगा। सर्वे में बीएसएफ और बीजीबी के साथ-साथ अन्य एजेंसियों को भी शामिल किया जाएगा। सर्वे साल के अंत तक पूरा होगा।
भारत को मिली अभी सरकारी जमीन, हकों के बारे में फैसला बाद में होगा
बांग्लादेश को भारत से मिली जमीन अभी खास खातियान (सरकारी जमीन) कहलाएगी। इसके लेकर लोगों के हकों का फैसला बाद में होगा। बांग्लादेश को मिली जमीन में से 48.12 एकड़ खेती योग्य जमीन, 6.87 एकड़ चाय बगान और 1.87 नदी पेटा काश्त की भूमि है।