Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Jan, 2020 08:45 AM
वाम दल समर्थक 10 केन्द्रीय मजदूर यूनियनों ने सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरोध में 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। इस दौरान बैंक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं व देशभर में 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। बैंकों ने हड़ताल और...
नई दिल्ली: वाम दल समर्थक 10 केन्द्रीय मजदूर यूनियनों ने सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरोध में 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। इस दौरान बैंक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं व देशभर में 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। बैंकों ने हड़ताल और इससे उनकी सेवाओं पर पडऩे वाले असर के बारे में शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है। बैंक कर्मचारियों की ज्यादातर यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लेने और उसका समर्थन करने की अपनी इच्छा जाहिर की।
विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र यूनियनों और महासंघों ने पिछले साल सितम्बर में ही 8 जनवरी, 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी। यूनियनों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों के लिए हड़ताल बुलाई है। इनमें न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं। परिसंघ ने कहा कि श्रम मंत्रालय कर्मचारियों की किसी भी मांग को लेकर आश्वासन नहीं दे पाया।
केंद्र की चेतावनी, नतीजा भुगतने को तैयार रहें कर्मी
केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को चेताया कि यदि वे 8 जनवरी को हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें इसका ‘नतीजा’ भुगतना पड़ेगा। कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि संघ या यूनियन बनाने का अधिकार हड़ताल का अधिकार नहीं देता। यह आदेश केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.) को भी भेजा गया है। सी.आई.एस.एफ. से कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने को कहा गया है।