Edited By Mansa Devi,Updated: 21 Dec, 2025 05:43 PM

भारतीय रेलवे के पास वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी जैसी तेज रफ्तार ट्रेनें हैं, लेकिन इनका किराया आम यात्री की जेब पर भारी पड़ता है। ऐसे में पटना से दिल्ली के बीच चलने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस ने यात्रियों के लिए तेज सफर और किफायती किराए का...
नेशनल डेस्क: भारतीय रेलवे के पास वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी जैसी तेज रफ्तार ट्रेनें हैं, लेकिन इनका किराया आम यात्री की जेब पर भारी पड़ता है। ऐसे में पटना से दिल्ली के बीच चलने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस ने यात्रियों के लिए तेज सफर और किफायती किराए का बेहतरीन संतुलन पेश किया है। इसकी रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस के बराबर है, लेकिन किराया लगभग आधा होने की वजह से इसे लोग प्यार से ‘आम आदमी की राजधानी एक्सप्रेस’ कहते हैं।
तेज़ सफर और किफायती किराया
संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या 12393/12394, पटना से नई दिल्ली तक करीब 12 घंटे 30 मिनट में यात्रा पूरी करती है। यह राजेंद्र नगर टर्मिनल से शाम 7:25 बजे रवाना होती है और पटना जंक्शन, आरा, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, मिर्जापुर और कानपुर में रुककर अगली सुबह 7:55 बजे नई दिल्ली पहुंचती है। दिल्ली से पटना की ओर ट्रेन संख्या 12394 शाम 5:30 बजे चलती है और अगले दिन सुबह 7:15 बजे राजेंद्र नगर पहुंचती है।
किफायती किराया इसकी सबसे बड़ी खासियत है। पटना-दिल्ली की राजधानी एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 2,400 रुपये से अधिक होता है, जबकि संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में यह केवल 1,300 रुपये है। राजधानी एक्सप्रेस में भोजन शामिल होता है, लेकिन कम बजट वाले यात्रियों के लिए संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस बेहतर विकल्प साबित होती है।
इतिहास और शुरुआत
संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौर में बिहारवासियों के लिए उपहार के रूप में शुरू किया गया था। तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने इसे 17 फरवरी 2002 को पटना से नई दिल्ली के लिए रवाना किया। उस समय बिहार के लिए केवल मगध और पूर्वा एक्सप्रेस तेज ट्रेनें मानी जाती थीं। कम स्टॉपेज और बेहतर टाइमिंग के कारण यह ट्रेन शुरुआत से ही सबसे तेज सुपरफास्ट ट्रेनों में गिनी जाने लगी।
ICF से LHB तक: रफ्तार का सफर
शुरुआत में यह ट्रेन ICF कोचों के साथ 110–120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती थी। ठहराव कम होने की वजह से यह उस दौर की सबसे तेज सुपरफास्ट ट्रेनों में गिनी जाती थी। करीब 10 साल बाद, इसे आधुनिक LHB कोच मिले और फिर इसकी रफ्तार बढ़कर 130 किमी/घंटा हो गई। 8 अगस्त 2015 से संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस नियमित रूप से इस रफ्तार से दौड़ रही है।
संपूर्ण क्रांति के नाम दर्ज कई रिकॉर्ड
मुगलसराय से गाजियाबाद रेलखंड पर यह ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस के बराबर दौड़ती है और कई राजधानियों को सीधी टक्कर देती है। यह भारत की पहली नॉन-एसी सुपरफास्ट ट्रेन है जिसे LHB कोच मिले। साधारण किराए में 130 किमी/घंटा की रफ्तार और पटना-दिल्ली रूट की सबसे भरोसेमंद सुपरफास्ट ट्रेन होने की वजह से इसे यात्रियों ने बेहद पसंद किया है।
आम आदमी की राजधानी क्यों कहा जाता है
संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि भारतीय रेलवे की उस सोच का उदाहरण है जिसमें रफ्तार, सुविधा और किफायत का संतुलन है। यह साबित करती है कि तेज सफर सिर्फ अमीरों के लिए नहीं, आम आदमी के लिए भी हो सकता है। यही वजह है कि यात्रियों का मानना है कि इसे ‘आम आदमी की राजधानी एक्सप्रेस’ कहना बिल्कुल सही है।