भारत-चीन सीमा विवाद पर पूरी दुनिया की नजर, विदेशी मीडिया ने दी Shocking प्रतिक्रिया

Edited By Tanuja,Updated: 17 Jun, 2020 06:08 PM

world media reaction on india china border clash

भारत-चीन  के सीमा विवाद पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। गत दिवस दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई  हिंसक ...

इंटरनेशनल डेस्कः भारत-चीन  के सीमा विवाद पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। गत दिवस दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई  हिंसक झड़प वर्ल्ड मीडिया की सुर्खियों में है। दुनिया के  सभी प्रमुख अखबारों और चेनलों ने इस घटना के हर पहलू पर बारीकी से विशलेषण किया और दुनिया के लिए इसके असर पर अपनी-अपनी राय दी है।  न्यूयॉर्क टाइम्स, अलजजीरा, द गार्जियन, बीबीसी, सीएनएन और वॉशिंगटन पोस्ट ने इस घटना को अपनी सुर्खियों में जगह दी और बेहद ही चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी है । देखते हैं वर्ल्ड मीडिया ने भारत-चीन की हिंसक झड़प पर क्या-क्या कहा?

 

दुनिया पर होगा भारत-चीन जंग का असरः वॉशिंगटन पोस्ट
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा- दो सबसे बड़े आबादी वाले देशों के विवाद असर पूरी दुनिया पर हो सकता है। अखबार की भारत ब्यूरो चीफ जोना स्लाटर ने लिखा- कई सूत्रों से पता चलता रहा है कि एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर चीन की अक्रामक पेट्रोलिंग की वजह से हालात खराब होते हैं। भारत यहां मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है। इससे चीन को अपने बेल्ट एंड रोड्स प्रोजेक्ट पर खतरा नजर आ रहा है।

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आपसी वार्ता ही समाधान, भारतीय शेयर बाजार हुआ धड़ामः द डॉन 
पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने इस खबर पर अलग नजरिया पेश किया। डॉन ने वेबसाइट पर लिखा- भारत और चीन के हिंसक संघर्ष की खबर सामने आने के बाद भारतीय रुपया गिर गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 76.04 के स्तर पर पहुंच गया। शेयर मार्केट में .04 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई।  डॉन ने लिखा भारत के सैन्य अधिकारियों का शहीद होना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़पों का परिणाम है। महामारी के दौर में गलवां घाटी में दो देशों के बीच युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि चीन एक ताकतवर देश है लेकिन इस समस्या का समाधान दोनों देश आपसी बातचीत से ही कर सकते हैं।

 

गेमचेंजर हो सकती है यह घटनाःCNN
अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क सीएनएन के मुताबिक यह घटना गेमचेंजर हो सकती है। भारत और चीन पिछले 45 सालों से जिस तरह से एक-दूसरे के साथ हैं, इस झड़प के बाद सब बदल सकता है। दोनों देशों के नेताओं को राष्ट्रवाद के लिए उनकी जनता का समर्थन मिला है। दोनों नेताओं ने अपनी जनता से भविष्य में देश को महान बनाने का वादा किया है। अक्सर पब्लिक रैली में आक्रामक बयानबाजी होती है। चीनी मीडिया ने जिस तरह हाल ही में हुए पीएलए के युद्धाभ्यास को कवर किया, वह उकसाने वाला था। भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक रैली में कहा था कि घुसपैठ करने वालों को सजा मिलेगी।

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नदियों और हिमपात से शिफ्ट हो सकता है बॉर्डर: BBC
BBC ने कहा कि दुनिया की दो बड़ी सेनाएं बॉर्डर पर कई जगहों पर आमने-सामने हैं। भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर कई जगह विवाद है। नदियों, झीलों और हिमपात की वजह से बॉर्डर के शिफ्ट होने की भी आशंका रहती है। इसके चलते भी टकराव होता है।

 
तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका : एक्सप्रेस
ब्रिटेन के मीडिया संस्थान एक्सप्रेस ने इस घटना को लेकर कहा है कि भारत और चीन के बीच हुए इस हिंसक टकराव ने तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। एक्सप्रेस के मुताबिक अगर युद्ध होता है तो यह केवल दो देशों के बीच सीमित नहीं होगा, बल्कि पूरी दुनिया इसकी जद में आएगी। 


बेहद सावधानी बरत रहा है चीन: न्यूयॉर्क टाइम्स
चीन की कम्युनिस्ट सरकार के अखबार के प्रधान संपादक हू जिजिन ने ट्वीट करके स्वीकार किया है कि भारत-चीन सीमा पर संघर्ष के दौरान चीनी पक्ष को नुकसान हुआ है। उसने यह नहीं बताया कि झड़पों में चीन के कितने लोग मारे गए हैं। इसका यह अर्थ हुआ कि चीन इस मुद्दे पर सुरक्षात्मक रवैया अपनाते हुए सावधानी बरत रहा है। 
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सकारात्मक बर्ताव करे चीन: साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट
सीमा पर भारत के तीन सैनिकों का शहीद होना यह बताता है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष और तनाव जारी है। दोनों तरफ से गलवां घाटी पर बड़ी संख्या में जवान तैनात हैं और वार्ता भी जारी है। लेकिन चीन को चाहिए कि वह एक बड़े देश की तरह सकारात्मक बर्ताव करे।


सैन्य तनाव से दूर रहकर सुलझाएं विवाद: हिमालयन टाइम्स
भारत-चीन सीमा पर बढ़ता हुआ तनाव वास्तव में जमीन का झगड़ा है और इसे दोनों देशों को आपसी वार्ता से सुलझाना चाहिए। इतिहास में जमीन को लेकर कई विवाद हैं, जिन्हें सुलझाया जाना जरूरी है। हालातों को सैन्य तनाव से दूर रहकर ही सुलझाया जा सकता है। 

 

सैन्य संघर्ष के रूप में सामने आ रहा इतिहास का विवाद: दाइचे वेले
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद दशकों पुराना है। तिब्बत को चीन में मिलाए जाने के बाद यह विवाद भारत और चीन का विवाद बन गया। अब यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर इतिहास का विवाद शुरू हुआ है। यह विवाद अब सैन्य संघर्ष के रूप में सामने आ रहा है।

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 बढ़ते तनाव के बीच संघर्ष: इजरायल टाइम्स 
इजरायल के प्रमुख समाचार पत्र ने अपनी वेबसाइट पर खबर में लिखा कि भारतीय सेना ने कहा कि चीनी सीमा पर तीन हफ्ते में बढ़े तनाव के बाद मंगलवार को आपसी संघर्ष में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं। खबर में कहा गया कि भारतीय सेना ने कहा कि दोनों तरफ से हताहत हुए, लेकिन चीन ने किसी भी मौत या घायल होने का कोई उल्लेख नहीं किया बल्कि इस घटना के लिए भारत पर तेजी से दोषारोपण किया। 3,500 किलोमीटर के सीमांत पर दो परमाणु-सशस्त्र दिग्गजों के बीच काफी नियमित आधार पर विवाद रहे हैं, जिनका कभी ठीक से सीमांकन नहीं किया गया, लेकिन दशकों में कोई भी मारा नहीं गया था।

 

भारत और चीन के बीच लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में हिंसक टकराव : अलजजीरा 
खाड़ी देशों के प्रमुख मीडिया संस्थान अलजजीरा की वेबसाइट पर खबर में कहा गया कि भारत और चीन के बीच लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में हिंसक टकराव हुआ है। भारतीय सेना के प्रवक्ता के हवाले से एक अधिकारी सहित तीन जवान मारे जाने का जिक्र है। वहीं, चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार के प्रधान संपादक के हवाले से कहा है कि चीनी सेना को भी झड़प में हताहत होना पड़ा है। दोनों परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों ने सीमा पर बख्तरबंद टैंक और तोपों सहित हजारों सैनिक, लद्दाख क्षेत्र में मई से तैनात कर रखे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चीनी सैनिकों ने तीन अलग-अलग बिंदुओं पर सीमा पार की और मौखिक चेतावनी की अनदेखी की। जबकि चीन ने भारत पर विवादित सीमा पार करने का आरोप लगाया है।

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