Edited By ,Updated: 15 Jun, 2015 12:39 PM
ज्यादा टी.वी. देखने वाले बच्चों को सक्रिय और रचनात्मक कामों के लिए बहुत कम समय मिलता है, यहां तक कि ऐसे बच्चे पढऩे-लिखने में भी अन्य बच्चों से पीछे रह जाते हैं क्योंकि वे ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते.....
ज्यादा टी.वी. देखने वाले बच्चों को सक्रिय और रचनात्मक कामों के लिए बहुत कम समय मिलता है, यहां तक कि ऐसे बच्चे पढऩे-लिखने में भी अन्य बच्चों से पीछे रह जाते हैं क्योंकि वे ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते । यदि आपको भी ऐसा लगता है कि आपका बच्चा हर समय टी.वी. से चिपका रहता है और बाकी की गतिविधियों में निल हो रहा है तो उसे टी.वी. से दूर करने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे-
- ज्यादा टी.वी. देखने वाले बच्चे अक्सर मोटापे का शिकार हो जाते हैं क्योंकि ज्यादातर समय बैठने और बेवक्त खाना उनकी सेहत पर असर डालता है । यही नहीं, वे टी.वी. देखते हुए ज्यादा ही खा जाते हैं जिसका विपरीत असर उनकी सेहत पर देखने को मिलता है, सो खाना खाते हुए टी.वी. बंद कर दें ।
- बच्चे को दिन में केवल एक या दो घंटेे टी.वी. देखने दें । इसके लिए उसका टाइम सैट कर दें कि वह इतने से इतने बजे तक ही टी.वी. देख सकता है । बाकी का समय उसे शारीरिक गतिविधियों में लगाने को कहें ।
- इसके अलावा बच्चों को सीरीज देखने से रोकना उनके टी.वी. टाइम को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका है । सीरीज से उनके अंदर अगले दिन भी उस प्रोग्राम को देखने की जिज्ञासा बढ़ेगी । अपने बच्चे को एक या दो खास प्रोग्राम जो उसके फेवरिट हों ही देखने दें ।
- यदि आप बच्चे को दूसरे पेंटिंग, स्विमिंग या डांसिंग इत्यादि में व्यस्त कर देंगी तो उसे इन सबके बीच दिन में केवल एक या दो घंटे ही टी.वी. देखने का वक्त मिलेगा ।
- बच्चों के लिए किड्स फ्रैंडली प्रोग्राम को ही प्राथमिकता दें, उन्हें हिंसात्मक प्रोग्रामों से दूर रखें ।
- उन पर किसी भी बात का दबाव बनाने की अपेक्षा उन्हें टी.वी. प्रोग्राम की एक लिस्ट दे दें और उन्हें उसमें से एक या दो प्रोग्राम चुनने को कहें । इससे बच्चे को पता चल जाएगा कि उसे सिर्फ चुने हुए प्रोग्राम को ही देखने की इजाजत है ।
- बच्चे के टी.वी. टाइम को मैनेज करने के लिए बनाए गए अपने प्लान को ले कर अडिग रहें और किसी भी कीमत पर टी.वी. देखने के अपने शैड्यूल का उल्लंघन न करें । याद रखें कि ज्यादा टी.वी. देखने से बच्चोंं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तो आती ही हैं साथ ही वे पढ़ाई से भी पिछड़ जाते हैं ।
-हेमा शर्मा, चंडीगढ़