विधानसभा का लंबित मानसून सत्र तुरंत बुलाए चन्नी सरकार : चीमा

Edited By Ramanjit Singh,Updated: 23 Oct, 2021 05:06 PM

pending monsoon session of the assembly

लटके मुद्दों से भागने के बजाय सदन में सामना करे कांग्रेस  बेअदबी, बेरोजगारी, कर्जा माफी, नशा और माफिया राज के संबंध में जनता को जवाबदेही से बच नहीं सकती कांग्रेस  सभी शेष और लोकहित मुद्दों पर चर्चा के लिए 15 दिनों के सत्र के सीधे प्रसारण की मांग...

चंडीगढ़,  (रमनजीत सिंह) आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सत्ताधारी कांग्रेस पर लोक मुद्दों से भागने का आरोप लगाते हुए पूछा कि चीनी सरकार पंजाब विधानसभा का लंबित मॉनसून सत्र क्यों नहीं बुला रही? `आप' के वरिष्ठ नेता हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के सभी शेष और लोकहित मुद्दों के संबंध में पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से पंजाब विधानसभा का शेष मॉनसून सत्र तुरंत बुलाने की मांग की है, क्योंकि लोगों से जुड़े मुद्दों के स्थाई समाधान के लिए पंजाब विधानसभा का 15 दिनों का सत्र बुलाया जाना आवश्यक है। 

 


हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस न केवल लंबित लोक मुद्दों का सामना करने से भाग रही है बल्कि संविधान और नियम-कानूनों का भी मजाक उड़ा रही है। चीमा ने कहा कि कांग्रेस श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें शहीदी पर्व को समर्पित विशेष सत्र की आड़ में मॉनसून सत्र बुलाने से टालमटोल कर रही है। जबकि 3 सितंबर के विशेष सत्र को तकनीकी और संवैधानिक तौर पर मानसून सत्र से नहीं जोड़ा जा सकता, क्योंकि इस दिन विशेष सत्र शुरू होने से पहले हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह के विश्वास ने विश्वास दिलाया था कि 15-20 दिनों में सत्र दोबारा बुलाया जाएगा, जिसमें शेष रहते सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज 53 दिन बीत जाने पर भी सत्र नहीं बुलाया जा रहा। 

 


हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, कोटकपूरा गोलीकांड, बेरोजगारी, कर्जा माफी, प्राइवेट बिजली खरीद समझोतों समेत नशा, रेत, शराब, ट्रांसपोर्ट आदि माफिया राज के मुद्दे जस के तस पड़े हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी ने अपने 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में इन सभी मुद्दों का समाधान करने का वादा किया था। भले ही कांग्रेस ने अली बाबा बदलकर अपनी चमड़ी बचाने का प्रयास किया है लेकिन कांग्रेस जनता के प्रति जवाबदेही से भाग नहीं सकती। चीमा ने कहा कि कृषि विरोधी काले कानून और कृषि संकट के स्थाई हल के लिए विशेष दो दिन आरक्षित करने की मांग करते हुए कहा कि पंजाब में बीएसएफ के कार्य क्षेत्र में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ भी संयुक्त प्रस्ताव, पंजाब के लोगों को महंगी बिजली और बिजली माफिया से बचाने के लिए पिछली बादल सरकार द्वारा प्राइवेट बिजली कंपनियों से किए गए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) इस सत्र के दौरान ही रद्द किए जाने चाहिए थे। 


`आप' नेता ने कहा कि आज पंजाब धरने प्रदर्शन की धरती बन चुका है। विधानसभा में किसान, मजदूरों, व्यापारियों, कर्मचारी और बेरोजगारों के साथ जुड़े मुद्दों पर चर्चा करवाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह शेष मॉनसून सत्र मौजूदा सरकार का आखरी सत्र है। इसके लिए कांग्रेस को लटके पड़े ज्वलंत मुद्दों से भागने के बजाय सदन में सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सत्र की कार्रवाई का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए और मीडिया को विधानसभा के परिसर में आने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। पिछले लंबे समय से पत्रकारों को कोविड नियमों का हवाला देकर विधानसभा परिसर में आने की अनुमति प्रदान नहीं की जा रही। 


मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को विरोधी दल के नेता के रूप में उनके कार्यकाल की याद दिलाते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब चन्नी  विरोधी पक्ष के नेता थे, उस दौरान वह स्वयं तत्कालीन बादल सरकार से लंबे सत्र की मांग करते थे। इस कारण मुख्यमंत्री चन्नी को भी शेष मानसून सत्र को कम से कम 15 दिन के लिए बुलाना चाहिए। चीमा ने कहा कि पंजाब और पंजाब के लोग परेशान है, क्योंकि प्रदेश में माफिया राज स्थिर है और नौजवानों को नशे के दलदल में फंसाया जा चुका है।

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