दुनिया को राह दिखाता नया सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर भारत

Edited By Anu Malhotra,Updated: 31 May, 2022 12:45 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने केंद्र में अपने 8 वर्ष पूरे कर लिए है। आठ वर्षों के इस शासन को मैं नए भारत के निर्माण की यात्रा के रूप में देखता हूं। यहां प्रश्न उठता है कि यह नया भारत क्या है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने केंद्र में अपने 8 वर्ष पूरे कर लिए है। आठ वर्षों के इस शासन को मैं नए भारत के निर्माण की यात्रा के रूप में देखता हूं। यहां प्रश्न उठता है कि यह नया भारत क्या है? नए भारत का अर्थ एक सशक्त, सक्षम, समर्थ और आत्मनिर्भरता की भावना युक्त भारत है और सुखद है कि पिछले 8 वर्षों में इस भारत की आधारशिला रखने का काम हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। इस दौरान देश के समक्ष कोविड संकट सहित अनेक बाधाएं और चुनौतियां आई लेकिन मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश ने मजबूती से उनका सामना किया और नए भारत के निर्माण की यात्रा सतत जारी रही।

इसमें कोई संदेह नहीं कि कोविड महामारी ने पूरी दुनिया के आर्थिक परिदृश्य को बुरी तरह से प्रभावित किया दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं, अब भी कोविह के दुष्प्रभावों से उबरने के लिए संघर्ष कर रही हैं। कोविड का प्रभाव तो भारत में भी रहा, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों निर्णयों के फलस्वरूप हमारी अर्थव्यवस्था को अधिक प्रभावित नहीं कर पाया। जब दुनिया के बड़े बड़े देश कोविड के समक्ष घुटने टेक चुके थे, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान करते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि संकल्प दृढ़ हो तो आपदा को भी अवसर में बदला जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा से जहां हताश हो रहे भारतीय जनमानस में आशा का संचार हुआ, वहीं इसके तहत घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एक नई जान फूंकने का काम किया। सरकार के इन सब प्रयासों का ही परिणाम है कि कोविड संकट को झेलने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। भारत आज देश की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इंज ऑफ डुइंग बिजनेस' सूचकांक में 2015 के 142वें स्थान से 63वें स्थान पर आ गया है। भारत दुनिया का इन्वैस्ट डॅस्टिनेशन बन गया है, और विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद जनधन योजना के माध्यम से करोड़ों गरीबों के बैंक खाते खुलवाकर उन्हें देश के अर्थतंत्र में शामिल करते हुए मोदी जी ने जाहिर कर दिया था कि यह सरकार मूल मंत्र 'सबका साथ सबका विकास के साथ समावेशी विकास के मॉडल को लेकर आगे बढ़ रही है, जिसका उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाते हुए उसके जीवन स्तर की ऊपर उठाना है। उज्वला आयुष्मान भारत, मुद्रा, पी. एम. किसान मान निधि, स्वच्छ भारत, सौभाग्य, आवास, केंद्रीय गृह मंत्री भारत सरकार| डीबीटी इत्यादि योजनाओं के माध्यम से देश के गरीबों का न सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण, बल्कि उन्हें सम्मान से जीने का अवसर देने का सफल प्रयास मोदी सरकार ने किया है। पहले की सरकारों में भी योजनाएं बनती थीं, लेकिन योजनाओं का पैमाना और उनके क्रियान्वयन की गति मोदी सरकार की विशेषता रही है। अब योजनाओं को संख्या की सीमा में बांधे बिना सभी के लिए बनाया जाता है। स्वतंत्रता के बाद पहली बार पिछले 8 वर्षों में गरीब और पिछड़े लोग देश की सरकार में हितधारक बने और वह देश की अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जुड़े हैं।

मोदी सरकार के शासन में राष्ट्रीय सुरक्षा को भी अभूतपूर्व मजबूती मिली है। आतंकवाद के प्रति यह सरकार जीरो टॉलरेंस का रुख रखते हुए बढ़ रहा है। अब आतंकी हमलों पर कांग्रेस सरकारों की तरह केवल निदा- भत्सना करके कर्तव्यों को इतिश्री नहीं की जातो, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक द्वारा आतंकियों को उनके घर में घुसकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। यह परिवर्तन देश के नेतृत्व की मजबूती के कारण ही संभव हुआ है। कांग्रेस सरकारों के समय अक्सर ऐसा भी सुनने को मिलता था कि भारतीय सेना के पास गोलीबारूद की कमी हो गई है। लेकिन अब गोली बारूद ही नहीं, देश की सेना को सभी अत्याधुनिक संसाधनों एवं उपकरणों से युक्त रखने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

आज देश के आसमान की हिफाजत गुफेल जैसा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान कर रहा। है, तो वहीं एस-400 जैसी सर्वश्रेष्ठ मिसाइल रक्षा प्रणाली भी देश काकवच बन कर तैनात हो चुकी है। रक्षा सामग्री के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाले भारत ने 2019 में रक्षा उत्पादों का 10 हजार करोड़ का निर्यात किया और 2025 तक इसके 35 हजार करोड़ करने का लक्ष्य है। ये सब चीजें इसलिए संभव हुई हैं क्योंकि मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा राजनीति का नहीं, राष्ट्रहित का विषय है। हमारी सरकार इससे कोई समझौता नहीं कर सकती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अब तक के कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर तो देश को सुदृढ़ किया हो है, विश्व पटल पर भारत के गौरव को बढ़ाने का भी काम किया है। जलवायु संकट पर दुनिया को राह दिखानी हो या कोविड के विरुद्ध भारत की लड़ाई का विश्व के लिए मिसाल बनना हो, इन सब बातों ने विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के किसी भी देश या किसी वैश्विक मंच पर जाते हैं, तो उनके वक्तव्यों में प्राय: भारत को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भरपूर जिक्र होता है।

अपने वक्तव्यों के माध्यम से वह विश्व को भारत के प्रति एक नई दृष्टि देते हैं। अब भारत विश्व की किसी महाशक्ति के सामने झुके बिना देश के हित में अपना मत स्वतंत्रतापूर्वक रखता है। आज मोदी जी को संयुक्त राष्ट्र सहित विश्व के अनेक देश सम्मानित कर चुके हैं, यह भी विश्व में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का ही द्योतक है। पिछले 8 वर्षों में भारत की महान संस्कृति और परम्पराओं को न सिर्फ देश में पुनर्स्थापित किया गया, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारतीय संस्कृति को वैधिक सम्मान भी मिला है। भारत के योग को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिलना इसका एक उदाहरण है।

मोदी जी यदि देशहित में बड़े और कड़े निर्णय लेते हैं, इसका एक प्रमुख कारण उनमें जनता का ऐसा अपार विश्वास है कि लोग उनके निर्णयों को स्वयं आगे बढ़ाने में लग जाते हैं। स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान हो, गैस सबसिडी छोड़ने की अपील हो, नोटबंदी का निर्णय हो या कीविड के दौरान लॉकडाऊन की घोषणा, मोदी जी के आह्वान पर जनता ने जिस तरह से सरकार का सहयोग किया, वह मोदी जी के प्रति लोगों के विराट विश्वास को ही दर्शाता है।

आज जब मोदी जी की सरकार ने अपने 8 वर्ष पूरे किए हैं, तब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस अमृतकाल में पूरे हुए ये 8 वर्ष अगले 25 वर्षों के लिए देश को आगे ले जाने को दशा-दिशा तैयार करने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन 8 वर्षों में देश ने नए भारत की जो मजबूत आधारशिला तैयार की है, उस पर आने वाले समय में विश्व का नेतृत्व करने वाला एक सक्षम, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत आकार लेगा।

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